यूक्रेन के बस ड्रायवर हमें रोमानिया बार्डर छोड़ने के लिए डर रहे थे। हमें बहुत पहले ही रास्ते में उतार दिया था। जो ड्रायवर थे वह कह रहे थे जब इंडियन साथ है तब तक हम सेफ है लेकिन इंडियन्स को छोड़ने के बाद उन्हें यूक्रेन रिटर्न जाने में काफी डर लग रहा था। इंडियन फ्लेग लगाए। आइ-डी कार्ड दिए। उसके बाद हमें छोड़ा गया। ये कहना है गुरुवार रात देवास पहुंची शिवानी प्रजापति का।
मुझे भारतीय होने का गर्व है
शिवानी ने बताया कि मुझे भारतीय होने पर बहुत गर्व है। नाईजेरियन, अफ्रिकी और पाकिस्तानी सहित अन्य देशों के विद्यार्थी हमारे साथ पढ़ाई कर रहे थे। वह सभी तिरंगे की वजह से ही बार्डर पार कर पाए। दूसरे देशों के छात्र यही कह रहे थे कि तिरंगा नहीं होता तो वह बॉर्डर पर नहीं पहुंच पाते। बॉर्डर क्रॉस करने के बाद काफी राहत मिली। यूक्रेन से बाहर निकलने के लिए भारतीय छात्रों से अन्य देशों के छात्र तिरंगा मांग रहे थे। शिवानी ने बताया कि उसके ग्रुप में एक पाकिस्तानी छात्रा थी जिसे वह भारतीय तिरंगा देकर आई है।
घर पर कुछ बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी
शिवानी का कहना है कि यूक्रेन में इतना डर लग रहा था कि मैं अपने माता-पिता को कुछ बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। जब मुझे सपोर्ट के लिए देवास सहित बालगढ़ से कॉल आने लगे। जब देवास विधायक से मेरी बात हुई तो फिर मुझे लगा की अब मेरी सारी परेशानी दूर हो जाएगी मैं अपने वतन सेफ पहुंच जाऊंगी।
विधायक पहुंची शिवानी के घर
शिवानी प्रजापति गुरुवार रात को बालगढ़ अपने घर पहुंच गई। शिवानी को लेने के लिए उनके पिता और काका इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे थे। शिवानी की मां घर पर इंतजार कर रही थी। घर पहुंचने पर मां ने बेटी शिवानी को गले लगाया। शिवानी ने बताया कि वह एमबीबीएस के सेकंड ईयर में पढ़ाई कर रही थी। और अगामी दिनों में उसकी ऑनलाइन पढ़ाई दोबारा शुरु हो जाएगी। विधायक गायत्री राजे पवार भी शिवानी से मिलने उनके घर पहुंची और शिवानी को मिठाई खिलाकर कई बिंदूओं पर चर्चा की। इस दौरान शिवानी ने विधायक को बताया कि मोदी जी के सहयोग के कारण ही सभी भारतीय छात्र यूक्रेन से सकुशल भारत लौट रहे हैं।