उज्जैन । पर्यावरण, स्वच्छता आदि क्षेत्रों में गुणात्मक बदलाव करने का प्रयास हमें करना आवश्यक है। विश्व में हमारे देश की अलग पहचान है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारे युवाओं को और अधिक ऊर्जा में गुणात्मक वृद्धि लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस आशय के विचार उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने अवन्तिका विश्वविद्यालय कैम्पस में आयोजित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद के तहत संगोष्ठी में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सामुदायिक जीवन में सामाजिक, आर्थिक घटनाओं के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक क्षेत्र में मानव व्यवहार में खोज करना आवश्यक है। हमारे आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरण, स्वच्छता, जल मिशन, वृक्षारोपण, सोलर प्लांट आदि में काम करना आवश्यक है। शासकीय क्षेत्रों के साथ-साथ निजी विश्वविद्यालय भी उक्त विषयों में बेहतर कार्य कर रहे हैं, जो प्रशंसनीय है।
संगोष्ठी के प्रारम्भ में एमजीएमसीआरई के अध्यक्ष डॉ.डब्ल्यूजी प्रसन्ना कुमार ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देशभर में निजी विश्वविद्यालयों के द्वारा स्वच्छता के काम को बढ़ावा दिया जा रहा है और उनके द्वारा जल मिशन, जगह-जगह वृक्षारोपण, सोलर एनर्जी पर काम किया जा रहा है। सामुदायिक संसाधनों पर जानकारी इकट्ठा करना उनका विश्लेषण करने के लिये उपकरणों और तकनीकों के एक आकृति को रेखांकित करने का देशभर में प्रयास किया जा रहा है। इसके लिये वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और अवसरों को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक विकास को आज के दौर में बढ़ावा देना नितांत आवश्यक है।
देशभर से आये निजी विश्वविद्यालयों जैसे इन्दौर, नीमच, भोपाल आदि के प्रोफेसरों ने पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अपने-अपने विश्वविद्यालयों में किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सोलर प्लांट, नई शिक्षा नीति, वृक्षारोपण आदि के बारे में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम के अन्त में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने सम्बन्धित विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय, स्वच्छता एक्शन प्लान के राष्ट्रीय संयोजक श्री रवीन्द्र रेड्डी, एमएनआईटी के डायरेक्टर श्री रघुवंशी, अवन्तिका विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री मनीष पाटिल, श्री अंकित, डॉ.जितेन्द्र सेन आदि उपस्थित थे।