गुरुवार को ग्राम रोजगार सहायक/पंचायत सचिव कर्मचारी संघ के तत्वाधान में गुरुवार को जिले भर के पदाधिकारियों और सदस्यों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शहर के कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। जिसमें वर्षों से लंबित मांगों के शीघ्र निराकरण कराने की मांग की है।
ग्राम रोजगार सहायक/पंचायत सचिव कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ठाकुर ने ज्ञापन में बताया कि मप्र में ग्राम रोजगार सहायक पिछले 12 सालों से केन्द्र एवं राज्य शासन की करीब 52 योजनाओं का क्रियान्वयन 23 हजार ग्राम पंचायतों में जरूरतमंद तक बड़ी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ निर्वहन कर रहे हैं। मंहगाई के इस दौर में अल्प मानदेय मात्र 9000 में अत्याधिक कार्य के दबाव के कारण आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त हैं। जिसके कारण कोरोना काल से आज तक 25 से ज्यादा ग्राम रोजगार सहायक/सहायक सचिव काल के गाल में समा गए हैं।
ग्राम रोजगार सहायकों/सहायक सचिवों की तीन मांगों का निराकरण किया जाए। इसमें गत वर्ष 25 अगस्त 2018 के मुख्यमंत्री निवास में की गई घोषणा पूरी की जाए। ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा समाप्ति के बदले निलंबन किया जाएगा। निलंबन अवधि में अन्य कर्मचारियों की भांति नियमानुसार निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। ग्राम रोजगार सहायक की आकस्मिक मृत्यु पर आर्थिक सहायता निश्चित धनराशि उनके परिवार दी जाएगी। इसके अलावा पंचायत सचिव की भर्ती में समानता के सिद्धांत अनुसार ग्राम रोजगार सहायकों को प्राथमिकता से लिया जाएगा।
संघ ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि हमारी मांगों का शीघ्र ही निराकरण नहीं किया गया तो 23 हजार ग्राम रोजगार सहायक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। जिसके बाद भी हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो उच्च न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य होंगे। साथ ही मां नर्मदा मैया की 313 गाड़ियों से परिक्रमा की जाएगी। इसके अलावा धरना-प्रदर्शन भी किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान ब्लॉक अध्यक्ष अखिलेश मेवाड़ा, ब्लॉका अध्यक्ष रविंद्र राजपूत, जितेंद्र ठाकुर, पदम मालवीय, सुनील वर्मा, जितेंद्र सोलंकी, विष्णु प्रजापति, विमल सोनी, राजकुमार प्रजापति आदि शामिल रहे।