महाकाल की ख़ुशबू काशी विश्वनाथ तक महकी बनारस के घाट पर इंटरनेशनल परफॉर्मेंइंग आर्टस फेस्टिवल उत्सव में खुशबू ने शिव स्तुति नृत्य की प्रस्तुति दी


उज्जैन। नृत्य आराधना संगीत एवं कला महाविद्यालय उज्जैन की प्राचार्य एवं नृत्यांगना डॉ. खुशबू पांचाल की नृत्य कला की ‘खुशबू अब महाकाल की नगरी से काशी विश्वनाथ तक पहुँच चुकी है। यूं तो डॉ. खुशबू पांचाल का नाम किसी परिचय का मोहताज नही है, आपकी नृत्य कला के चर्चे देशभर में है।
इंटरनेशनल परफॉर्मेंइंग आर्टस फेस्टिवल के अंतर्गत बनारस मे आयोजित वृहद शास्त्रीय संस्कृति समारोह ने सुविख्यात कथक नृत्यांगना एवं नृत्य गुरु डॉ. खुशबू पांचाल ने विशिष्ट प्रस्तुति दी, चूंकि आप शास्त्रीय नृत्य बनारस घराना की ही कलाकार है। ऐसे में बनारस जाकर प्रस्तुति देना ही एक विशेष अवसर है, कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद एवं बिजू जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं आई. टी. प्रमुख डॉ. अमर पटनायक द्वारा डॉक्टर पाँचाल का सम्मान किया गया। इनके सहित कई विशिष्ट राजनैतिक, समाजिक, कला से जुड़ी हस्तियाँ उपस्थित थी, डॉ. खुशबू पांचाल ने बनारस को उज्जैन सांस्कृतिक नगर कहते हुए और अपने नृत्य घराना के सम्मान को विभूषित करते हुए, इसे बनारस की जगह श्री बनारस घराना कहना प्रस्तावित किया, जिसे बहुत प्रोत्साहन मिला।
आपकी नृत्य प्रस्तुति अत्यंत भाव विभोर थी, आपने अपनी प्रस्तुति मे शिव स्तुति, ताल धमार एवं माखन चोरी लीला को विशेष तौर पर रेखांकित किया था। बनारस के प्रसिद्ध अस्सी घाट पर आयोजित इस सांस्कृतिक उत्सव मे लगभग 2000 से अधिक कला प्रेमियों की उपस्तिथि रही।

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