मध्यप्रदेश में 7000 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां बनाने वालों पर होगी एफआईआर, 300 से ज्यादा मामले पुलिस को दिए

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पहले जारी थी सुस्ती- 10 सालों में 30 जिलों में सिर्फ 226 कॉलोनाइजरों पर केस दर्ज हो पाए।

पहली बार सरकार अवैध कॉलोनियों के मामले में सख्ती दिखाने जा रही है। प्रदेश में 7000 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार है। इन कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी है। इसके लिए सभी जिलों में फाइनल सर्वे कर सीधे एफआईआर कराने के लिए मौखिक आदेश दे दिए गए हैं। उज्जैन, रतलाम और गुना में तो कुल 300 से ज्यादा अवैध कॉलोनाइजरों की सूची पुलिस को भेज एफआईआर के लिए कहा गया है।

दरअसल, यह सारा मामला इन कॉलोनियों में रह रहे 7 लाख से ज्यादा परिवारों से जुड़ा है। इतने परिवारों का मतलब है 15 लाख से ज्यादा वोट। ये सभी लोग सबसे ज्यादा इन कॉलोनाइजरों के सताए हैं। पिछली बार यानी 2018 में जब इन कॉलोनियों को वैध करने की तैयारी थी, तब भी लोग नाराज थे कि अफसरों ने अवैध कॉलोनाइजरों को सीधे बचा लिया है।

इस बार सरकार विधानसभा चुनाव से पहले इन कॉलोनियों को वैध करने की कोशिश में है, ताकि चुनावी फायदा मिल सके। लेकिन इससे पहले सभी कॉलोनाइजरों पर केस दर्ज किए जा रहे हैं, ताकि लोगों का गुस्सा भी शांत रह सके। गुना और रतलाम में जब पुलिस तक मामले पहुंचने लगे तो हमने भी जांच-पड़ताल शुरू की। तब सामने आया कि पूरे प्रदेश में व्यापक रूप से सर्वे के लिए कहा गया है।

प्रदेश में साल 2015 तक 6500 अवैध कॉलोनियां चिह्नित की गई थी, इन्हें वैध करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी और 5500 अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया था लेकिन कुछ लोग हाईकोर्ट चले गए थे। इसके बाद 2020 में प्रदेश में फिर भाजपा की सरकार बन गई।

इसके बाद सुझावों के आधार पर नगरीय निकाय अधिनियम में संशोधन कर अनधिकृत कॉलोनियों को नियमितीकरण का प्रावधान शामिल किया। अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने के लिए अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर करने का प्रावधान इसी का हिस्सा है। अब सभी जिले में अवैध कॉलोनियों का सर्वे हो रहा है। प्रदेश में अवैध कॉलोनियों की संख्या 7000 तक पहुंच गई है।

धीमी गति के अफसर… 10 साल में कैसे और क्यों अवैध कॉलोनियां बसती गईं

  • 10 सालों में 30 जिलों में 226 कॉलोनाइजर पर एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन जिलों में अभी 3610 अवैध कॉलोनी दर्ज हैं।
  • 10 सालों में इंदौर में 40, जबकि भोपाल में 45 कॉलोनाइजर पर एफआईआर हुई।
  • सबसे कम धार में 1 व खंडवा में 3 हुई हैं।
  • धार जैसे जिले में 52 कॉलोनियां हैं पर एफआईआर एक पर की गई है।
  • दतिया में तो कोई भी रजिस्टर्ड कॉलोनाइजर नहीं है, 32 अवैध कॉलोनी हैं। 10 सालों में 10 पर एफआईआर की है।
  • इंदौर-भोपाल के बाद सबसे ज्यादा 359 अवैध कॉलोनी सागर जिले में हैं। एफआईआर 5 पर हुई।

प्रदेश की अनधिकृत कॉलोनियों को वैध करने के प्रयास

प्रदेश की 7000 अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे 7 लाख परिवारों के मकानों को वैधता प्रदान करने के लिए नगरीय निकाय अधिनियम में संशोधन किया है। नए प्रावधानों के तहत अनधिकृत कॉलोनी बनाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी और इन कॉलोनियों में रह रहे लोगों को सुविधाएं दी जाएंगी।

-भूपेंद्र सिंह, नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री, मध्यप्रदेश शासन

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