उज्जैन जिले में 7 साल के दिव्यांग बेटे का अंतिम संस्कार करवाने के लिए केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पिता की पैरोल करवाई गई है। हाथों में हथकड़ी पढ़ने पिता जेल प्रहरियों के साथ बाहर आया और फिर उसने अपने बच्चे के अंतिम दर्शन किए। मासूम की माँ बेहद बीमार है और पिता जेल में हत्याकांड की सजा काट रहा है, बच्चे के बेसहारा होने के चलते उज्जैन कलेक्टर ने उसे उज्जैन के सेवाधाम आश्रम में रखवाया था, जहां उसकी देखभाल आश्रम का स्टाफ करता था, इसी बीच बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ी और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन उसकी मौत हो गई।
पिता जेल में माँ गंभीर बीमारी से ग्रसित
दरअसल, हत्या के आरोपी पति के जेल जाने के कुछ दिन बाद ही मासूम की माँ ने उसे जन्म दिया था। लाचारी और गरीबी के चलते मासूम की माँ गर्भावस्था में खुद की देखभाल नहीं कर पाई और जब यह बच्चा पैदा हुआ तो जन्म से ही दिव्यांग पैदा हुआ। जिसके बाद उसकी माँ की हालत और बिगड़ गई, इसी बीच कलेक्टर तक पहुंचे इस मामलें के चलते उन्होंने इसे उज्जैन के अंकित ग्राम, सेवाधाम आश्रम पहुंचा दिया। साल 2020 में जिला कलेक्टर उज्जैन ने दिव्यांग 5 साल के बच्चे को सेवाधाम आश्रम में प्रवेश दिया।
3 घंटे में दिलवाई पैरोल
मासूम का पिता 2014 से केंद्रीय जेल भेरूगढ़ में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है। जिला अस्पताल में मासूम की मौत के बाद उसके परिवार से संपर्क किया गया। लेकिन उसकी माँ बेहद बीमार होने के चलते तिम संस्कार में शामिल नहीं हो पा रही था। आश्रम के स्टाफ ने प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दी कि इसके पिता केंद्रीय जेल में सजा काट रहे है। यह पता चलते ही प्रशासनिक अमले ने तेजी दिखाते हुए 3 घंटों में सजायाफ्ता पिता को अंतिम संस्कार में शामिल होने हेतु पेरोल का आदेश दिलवा दिया।
फफक फकफ़ कर रोया पिता
बच्चे के पोस्टमार्टम के बाद पिता ने आश्रम के सुधीर भाई की उपस्थिति में अपने बेटे के अंतिम दर्शन कर अंतिम संस्कार किया। इस दोरान सभी की आंखे नम थीं। पिता का रो रोकर बुरा हाल था, उसे अफसोस था कि जुर्म की दुनिया ने उसे उसके बच्चे से दूर कर दिया और आज वह उससे मिलने पहुंचा लेकिनतब जब बच्चा दुनिया से अलविदा ही चुका है।