वी टॉक के हैं कई फायदे मैं-मेरा के बजाय हम-हमारा कहने से संतुष्टि मिलती है, रिश्ते मजबूत होते हैं, लंबे समय तक टिकते हैं

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किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसका परिवार, दोस्त और रिश्तेदार सबसे ज्यादा करीब होते हैं। रिश्ता चाहे जो भी हो, उसे निभाने के लिए कई जरूरी बातों का ख्याल रखना होता है। खासकर पति और पत्नी के बीच के रिश्ते में।

हाल ही में पर्सनल टॉक पर हुए एक मनोवैज्ञानिक शोध में सामने आया कि मैं और मेरा जैसे एकवचन शब्दों का उपयोग करने की बजाए हम, हमारे और अपने जैसे बहुवचन शब्दों का उपयोग करने से जीवन में संतुष्टि प्राप्त होती है। रिश्ते मजबूत होते हैं। शोधकर्ताओं ने इसे वी-टॉक का नाम दिया है। शोधकर्ता लंबे समय से जीवन के अनुभवों के बारे में बात करने के लिए बहुवचन शब्दों के प्रयोग करने वाले और एकवचन का उपयोग करने वाले पति-पत्नी के बीच अंतर में शोध कर रहे थे।

वी-टॉक से भावनाएं मिलती हैं
शोध में सामने आया कि हर व्यक्ति की सोच और स्वभाव एक दूसरे से अलग होती है, लेकिन फिर भी सभी घर में एक दूसरे के साथ बैलेंस बनाकर चलते हैं। कई बार व्यवहार बिल्कुल अलग होने और सोच एक दूसरे से न मिलने के कारण रिश्ते खराब हो जाते हैं और कई बार टूट भी सकते हैं। लिहाजा, वी-टॉक करने से हमारे ब्रेन में यह मैसेज चला जाता है कि पति और पत्नी दो अलग यूनिट नहीं बल्कि एक ही हैं।

नतीजा यह होता है कि लंबे समय तक रिश्ते बने रहते हैं और कई बार दोनों की भावनाएं भी मेल करने लगती है। जैसे एक को दर्द होता है तो दूसरा बिना कहे ही इसे पहचान लेता है। इस तरह वी-टॉक के परिणाम सामने आए हैं।

वी-टॉक से बच्चों में होता है शालीन भाषा का विकास
बच्चों के पालन-पोषण में भी वी-टॉक से प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चों में शालीन भाषा का विकास होता है। वी-टॉक में एक कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा विश्लेषण किया कि छह से बारह महीने में रिश्तों में सुधार दिखाई देने लगता है। वहीं बच्चे भी बेहतर बनते हैं।

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