‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ ने ऑस्कर 2023 में बेस्ट शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री का अवॉर्ड जीता है। फिल्म की कहानी एक दंपति और एक हाथी के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में हाथी के किरदार का नाम ‘रघु’ है। फिल्म के अवॉर्ड जीतने के बाद लोग तमिलनाडु के थेप्पाकडू एलिफैंट कैंप में हाथी ‘रघु’ को देखने आ रहे हैं।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, देश समेत विदेश से लोग थेप्पाकडू एलिफैंट कैंप में ‘रघु’ से मिलने, उसे देखने आ रहे हैं। यहां ‘रघु’ से मिलने और उसे देखने पहुंची लंदन की पर्यटक ग्रेस ने कहा कि हम यहां आए और पता चला कि यहां के दो बच्चे हाथियों ने कल (रविवार) रात ऑस्कर जीता था। उन्हें देखकर अच्छा लगा। हाथी मेरा पसंदीदा जानवर है। मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि अवॉर्ड जीतने के एक दिन बाद ही मैं उनसे मिली हूं।
एशिया का सबसे पुराना है थेप्पाकडू एलिफैंट कैंप
ऑस्कर विनर शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ की शूटिंग तमिलनाडु के नीलगिरि पर्वत स्थित मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के थेप्पाकडू एलिफैंट कैंप में की गई थी। मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू एलिफैंट कैंप एशिया का सबसे पुराना हाथियों का शिविर है। इसे करीब 105 साल पहले स्थापित किया गया था।
मोयार नदी के तट पर स्थित थेप्पाकडू एलिफैंट कैंप में वर्तमान में 28 हाथी हैं। महावतों का एक समर्पित समूह इन हाथियों को प्रशिक्षण और देखभाल प्रदान कर रहा है। फिल्म की डायरेक्टर कार्तिकी गोंसाल्विस डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिए मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में पांच साल तक रही थीं।
41 मिनट की है ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’
‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री 41 मिनट की अवधि की है। इस शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री में एक अनाथ हाथी रघु और उसके देखभाल करने वाले एक महावत दंपति बोम्मन और बेली की कहानी है। ये दंपति अनाथ रघु को गोद लेता है। बता दें कि थेप्पाकडू एलिफैंट कैंप में ऐसे हाथियों का पुनर्वास किया जाता है जो आसपास स्थित लोगों की बस्तियों में प्रवेश करते हैं और लोगों के साथ उनका संघर्ष होता है।