मार्च महीने के दूसरा सप्ताह चल रहा है और उत्तर से लेकर दक्षिण के राज्यों में काफी गर्मी पड़ने लगी। लोगों को अभी से ही मई वाली गर्मी का एहसास होने लगा है। दिन में तेज धूप निकलने के कारण कई इलाकों में लोग अभी से ही घर में रहने को मजबूर हो रहे हैं। औसत तापमान सामान्य से अधिक हो चुका है। हालांकि, पिछले दो दिनों से कई राज्यों में बारिश और आंधी तूफान के कारण पारा गिरा है और लोगों को थोड़ी राहत मिली है। मौसम विभाग के मुताबिक आज भी देश के कई इलाकों में भीषण गर्मी का प्रकोप रहेगा तो कई जगहों पर बारिश के कारण लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी।
दरअसल एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। जिसके कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में आज भी बारिश और आंधी-तूफान (Weather Update) की संभावना है। गिलगित, मुजफ्फराबाद, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई जगहों पर हल्की बारिश और हिमपात के आसार हैं।
इसके साथ ही इस वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण दक्षिण भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत में 15-17 मार्च तक बारिश के आसार हैं। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पूर्वी गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 15-17 मार्च के दौरान बारिश की संभावना (Weather Update)बनती दिख रही है। अगले अगले तीन-चार दिनों तक देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश होने की संभावना है। आज महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब के कई इलाकों में बारिश की संभावना है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर के भी इलाकों में तेज आंधी के साथ बारिश और ओले गिरने का पूर्वानुमान हैं। सबके बीच महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश (Weather Update) के कई इलाकों में अभी से ही भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। कई इलाकों में आज तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच सकता है। एमआईडी के मुताबिक फिलहाल ज्यादातर राज्यों में तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री अधिक है। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार पश्चिमी हिमालय, उत्तर राजस्थान के कुछ हिस्सों, पंजाब, हरियाणा और दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश में छिटपुट बारिश की संभावना है। सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश और केरल में हल्की बारिश हो सकती है। वहीं अगले 24 से 48 घंटों के लिए उत्तर पश्चिमी मध्य भारत में दिन का तापमान और बढ़ सकता है। कोंकण के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति बनी रह सकती है।