शहर में NCAP प्रोग्राम भोपाल में प्रदूषण की वजह रोड डस्ट, तो इंदौर में बाहरी वाहन बन रहे वजह

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नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के अन्तर्गत शहरो की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्यक्रम सोमवार को भोपाल में आयोजित हुआ। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश के 7 शहरों भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, उज्जैन एवं देवास को शामिल किया गया है। एमपीपीसीबी के रीजनल मैनेजर ब्रजेश शर्मा ने बताया कि इन शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु शहर के स्तर पर विभिन्न विभागों द्वारा वायु प्रदूषण में कमी लाने लिए कार्य किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम विषय “ऑब्जेक्टिव एंड स्ट्रेटजी टू इंप्रूव द एंबीएंट एयर क्वालिटी ऑफ सिटीज ऑफ मध्य प्रदेश अंडर नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP)” पर रहा। इस कार्यक्रम का मध्यप्रदेश के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री म.प्र. शासन के मंत्री हरदीप सिंह डंग द्वारा किया गया। इस दौरान प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, म.प्र. शासन, नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव, पर्यावरण विभाग, मप्र. शासन गुलशन बामरा, 7 शहरों के नगर पालिक निगम के आयुक्त एवं उपरोक्त 7 शहरों के सिटी लेबल इम्प्लीमेन्टेशन कमेटी के स्टेक होल्डर्स जिसमें लोक निर्माण विभाग, जिला पुलिस अधीक्षक, परिवहन विभाग, जिला उद्योग केन्द्र, जिला खाद्य विभाग, ट्रैफिक पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि शामिल रहे।

भोपाल में इसलिए बढ़ रहा प्रदूषण
एआरएआई पुणे से भोपाल आए विशेषज्ञ एम बावसे ने बताया कि हमारे पास बहुत सारे डेटा हैं। भोपाल में जो भी प्रदूषण बढ़ रहा है, उसका मुख्य कारण रोड डस्ट और सॉलिड वेस्ट का जलना है। इसको लेकर इन दिनों स्वीपिंग मशीन खरीदी गई है जिससे की रोड डस्ट को कंट्रोल किया जा सके। आजकल रोड कंस्ट्रक्शन कॉर्नर टू कॉर्नर इसलिए किया जा रहा है। बता दें कि सॉलिड वेस्ट के जलने से पर्यावण में पीएम 2.5 की मात्र बढ़ती है।

बाहरी वाहनों की वजह से इंदौर में बढ़ रहा प्रदूषण
नई दिल्ली से आए विषय विशेषज्ञ शिखर जैन ने बताया जैसे कि दिल्ली में बाहर की गाड़ियों की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है, इसी तरह इंदौर में भी आसपास की गाड़ियों के आने से एक्यूआई कई बार बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश के शहरों की बात करूं तो यहां डेटा बहुत सारा है। यहां सबसे अच्छी बात यह है कि पॉल्यूशन अभी भी सीवियर पर नहीं आया है। जैसा कि दिल्ली में आदि में होता है। हमारे पास बहुत सारा डेटा है अब हमें कोशिश करनी चाहिए कि भविष्य के लिए कई तरह की पॉलिसीज बनाएं ताकि आगले 7 -8 साल जिससे कि आगे हमें बेहतर रिजल्ट मिलें। अगर यहां हम पॉलिसीज नहीं बना सके तो आगे रिजल्ट नहीं मिले।

ट्रांसपोर्ट डिपोर्टमेंट को भी बनानी होंगी योजनाएं
इसके अलावा शिखर जैन ने बताया कि मध्य प्रदेश ट्रॉसपोर्ट डिपार्टमेंट को भी ई-व्हीकल सीएनजी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनानी होंगी। इसके लिए भी हमें कैंपेनिंग करने की जरुरत है। कार्यक्रम में मौजूद आरटीओ संजय तिवारी ने बताया कि पर्यावण की दृष्टि से यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। अब जैसे जैसे लोग ई-व्हीकल की तरफ मूव करेंगे तो इससे पर्यावरण को लाभ मिलेगा। विभाग भी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कई बार सिर्फ गाड़ियों के पॉल्यूशन को लेकर अभियान चलाता है।

सोमवार को प्रदेश के मुख्य शहरों का एक्यूआई

शहर एक्यूआई
भोपाल 125
इंदौर 105
उज्जैन 109
ग्वालियर 111
जबलपुर 96
देवास 81

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