कोटा आवंटित किया नहीं, आनन-फानन में हुआ कुरआ, मप्र की लिस्ट अटकी, देर रात तक इंतजार करते चयनित हजयात्री

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भोपाल। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने राज्यों की हज कमेटियों को कोटा आवंटित किए बगैर ही शुक्रवार को कुरआ कर दिया। आनन-फानन में रेंडम सिलेक्शन के जरिये इस साल हज पर जाने वाले हज यात्रियों का चयन कर लिया है।

मुंबई स्थित कमेटी के मुख्यालय में हुई इस प्रक्रिया में 23 राज्यों के हाजियों की चयनित सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। लेकिन मध्य प्रदेश के हजयात्रियों के सूची अपलोड नहीं हुई ।

हज कमेटी के दफ्तर में अपने चयन को लेकर लोग फोन घनघनाते रहे। यहां से एक ही जवाब मिला कि फिलहाल प्रदेश के हजयात्रियों की चयन सूची हज कमेटी ऑफ इंडिया की बेवसाइट पर जारी नहीं की गई है। यहां यह बताते चलें कि हर साल हज पर जाने वाले हजयात्रियों की कुरआ ( लॉटरी) बकायदा एक तय तारीख में स्टेट हज कमेटी के दफ्तर में समारोह पूर्वक की जाती थी, लेकिन यह पहला मौका है जब इस रिवायत को तोड़ दिया गया है।

स्टेट हज कमेटी के अधिकारियों और कर्मचारियों को अभी तक हज-2023 पर जाने वाले चयनित हाजयात्रयों की सूची नहीं मिलने से आगे की कार्रवाई में भी अड़चन आ रही है। जबकि हज के लिए ऑॅनलाइन आवेदन कर चुके लोगों में भी असमंजस की स्थिति है। गौरतलब है कि पिछले साल कोविड प्रोटोकॉल के चलते प्रदेश से सिर्फ 17 सौ के करीब हजयात्री ही जा पाए थे।

पांच हजार हज यात्रियों को मिल सकता है मौका

स्टेट हज कमेटी को कोटा आवंटन किए बगैर हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज यात्रियों की कुरआ की प्रक्रिया को अंजाम दे दिया, जिसकी वजह से कई कमेटियों के पास अपनी कोटे की जानकारी ही नहीं है। सूत्र बताते हैं कि 4664 के लगभग सामान्य वर्ग से हज यात्री इस बार हज के लिए जाएंगे। जिन हज यात्रियों की आयु 70 से ऊपर है ऐसे 604 हज यात्रियों का भी चयन किया गया है। इसके साथ ही 128 बगैर मेहराम वाले हज यात्री शामिल होंगे।

अब तक इनकी सूची जारी हुई

चंडीगढ़, असम, आंध्रप्रदेश, बिहार, गोवा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड , दादर और नगर हवेली, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, छग, पंजाब, महाराष्ट्र, उड़ीसा, केरला, हरियाणा आदि। जबकि यूपी और एमपी समेत अन्य बड़े राज्यों की सूची भी अटकी हुई है।

इस बार प्रदेश से 10, 565 आवेदन

पिछले 2 सालों से कोविड गाइडलाइन के चलते लगातार हजयात्रा प्रभावित रही। इस साल नई हज पॉलिसी आने के बाद आवेदकों के लिए ऑनलाइन आवेदन फ्री किए गए थे, यानि आवेदन पर लगने वाली पुरानी शुल्क 3 सौ रुपये को हटा लिया गया था। जिसके चलते इस साल राजधानी समेत प्रदेशभर से करीब 10 हजार 565 ऑनलाइन आवेदन हज पर जाने के लिए किए गए हैं। हालांकि यह पुराने सालों की तुलना में फिर भी कम हैं। लेकिन इस साल इंदौर और भोपाल से सीधे उड़ाने होने की वजह से भी कई लोगों ने आवेदन किए, इसके साथ ही प्रदेश का हज कोटा बढऩे की भी उम्मीद थी।

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