‘आपने जेब काटने की सुपारी ली है…’, दवाओं की कीमत पर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का केंद्र पर कटाक्ष, हेल्थ मिनिस्टर मंडाविया ने किया पलटवार

दवाओं की कीमतों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था कि मोदीजी, आपने तो जनता की जेब काटने की सुपारी ली है। खरगे के इस कमेंट पर सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पलटवार किया है।

मंडाविया ने दावा किया कि यूपीए सरकार में बनाए गए डीपीसीओ (ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर) 2013 के प्रावधान के अनुसार हर साल डब्ल्यूपीआई (होलसेल प्राइस इंडेक्स) के हिसाब से फार्म कंपनी दवाओं के दाम बढ़ाती या घटाती हैं। लेकिन सरकार ने नवंबर, 2022 में आवश्यक दवाई की सूची और दामों को रिवाइज किया। इससे उपभोक्ताओं की सालाना करीब 3500 करोड़ रुपए की बचत होगी।

870 में से 651 को अधिसूचित किया गया

मंडाविया ने कहा कि अब तक 870 आवश्यक दवाओं में से 651 की अधिकतम कीमतों को अधिसूचित किया जा चुका है। जिसके कारण दवाओं की मान्य अधिकतम कीमत में औसत 16.62% की कमी हुई है।

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूपीआई से लिंक 651 आवश्यक दवाओं कीमत में अधिकतम 12.12% कंपनियां बढ़ा सकती है। अगर कंपनी पूरा भी दाम बढ़ा ले तब भी औसत 6.73% की कमी अनुमानित की गई है।

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