राजधानी में मौसम के बिगड़े मिजाज की वजह से वायरल फीवर, उल्टी-दस्त और कंजक्टिवाइटिस के मामलों में 45 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गई है। छोटे बच्चों के साथ ही बड़े भी इंफेक्शन का शिकार हो रहे हैं। इसको देखते हुए शहर के कुछ स्कूलों ने पैरेंट्स को यह मैसेज भी भेजे हैं कि अगर विद्यार्थी को आई फ्लू है तो उसे घर पर रखें और ठीक होने पर ही स्कूल भेजें।
इन दिनों शहर की अधिकांश सड़कों पर धूल उड़ रही है। गर्मी और उमस भी हो रही है। इस वजह से लोग सर्दी-जुकाम व फ्लू की चपेट में भी आ रहे हैं। वायरल फीवर भी हो रहा है। इसके अलावा बाहर दूषित पानी और खान-पान की वजह से उल्टी-दस्त जैसी शिकायतें भी आ रही हैं। इसी कारण अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
कंजक्टिवाइटिस के ये हैं लक्षण
- आंखों का लाल होना और चुभन होना।
- तेज धूप में आंखों में दर्द होना।
- आंखों से पानी आना।
- आंखों में खुजली होना।
इन बातों का ध्यान रखें…
- डॉक्टर को दिखाएं।
- लोगों से दूरी बनाए रखें।
- हाथ धोएं और साफ कपड़े का उपयोग करें।
- संक्रमित व्यक्ति की टॉवल या अन्य कपड़े कोई अन्य उपयोग न करें
- संक्रमण वाले मरीज खुद को आइसोलेट कर लें और भीड़ में न जाएं
जेपी अस्पताल की ओपीडी में 1500 मरीज पहुंचे
शहर के प्रमुख जेपी अस्पताल में कुछ दिनों से ओपीडी 1500 पहुंच रही है। आम दिनों में यहां एक हजार मरीज पहुंचते हैं। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम में बदलाव की वजह से वायरल और उल्टी-दस्त के केस आ रहे हैं। मेडिसन विभाग के डॉ. वीके दुबे ने बताया कि वायरल फीवर तीन से सात दिन तक रहता है। यही हाल काटजू अस्पताल, कोलार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हमीदिया के भी हैं।
बाहर खाने-पीने से बचें
डॉ. धीरज शुक्ला ने बताया कि इस दौरान बाहर खाने-पीने से बचें। खुले में रखे खाद्य पदार्थ न खाएं। इस समय मक्खियां भी बहुत होती हैं और संक्रमण की वाहक होती हैं। अगर थकान, बदनदर्द, हरारत, सिर में भारीपन, बुखार आदि है तो डॉक्टर को दिखाएं। मन से दवाएं न लें।