आगर। जिला एवं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आगर श्री प्रदीप दुबे द्वारा आरोपीगण 1.मोनू पिता संजय सोलंकी उम्र 22 वर्ष निवासी खिरनी तकिया आगर 2.विनोद पिता जीतमल माली उम्र 28 वर्ष निवासी गवलीपुरा आगर थाना आगर को दोषसिद्ध पाते हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में शेष प्राकृतिक जीवन तक का कारावास व कुल राशी 66,000/- रूपये के अर्थदण्ड की से दण्डित किया।
16.01.22यादअभियोजन मीडिया सेल द्वारा बताया गया कि दिनांक 01.05.19 को रात्री के लगभग 01:00 बजे किसी ने दरवाजा बजाया, पीडिता ने पूछा कौन है कि आवाज आई में तुम्हारा का परिचित हूँ तब पीडिता ने दरवाजा खोल दिया, देखा तो विनोद एवं माेनू थे और दोनों ने पकड लिया व मोनू ने उसका मुंह दबा दिया जिस कारण में चिल्ला नहीं पाई और उसेs जबरदस्ती मोटरसाईकल पर बिठाकर विनोद के घर के पास में सुने स्थान पालक के खेत पर ले गये एवं पीडिता के साथ जबरदस्ती करने लगे पीडिता ने विरोध किया तो पीडिता के साथ हाथ थप्पडों से मारपीट किया जिससे पीडिता की दोनो आंखों के पास मुंह पर चोट आई एवं विनोद ने दराता से उसकी गर्दन पर रखकर बोला कि चिल्लाई तो जान से खत्म कर दूंगा एवं पीडिता के साथ मोनू सोलंकी एवं विनोद माली ने सामूहिक बलात्कार किया।पीडिता ने उसके घर जाने को कहा तो दोनों ने उसे मोटरसाईकल पर बिठाकर इंदौर लेकर गये एवं रास्ते में ही पीडिता को मार डालने की धमकी दे रहे थे डर के कारण पीडिता चिल्लाई नहीं और धार रोड जिला अस्पताल के सामने मोटरसाइकिल पंचर हो जाने से अभियुक्त़गण पंचर ठीक करा रहे थे तभी वहां पास में खडे आटो वाले व्यक्ति को बताया कि दो लोग उसे पकड लाये है और उसकी मदद से 100 डायल गाडी को फोन किया बाद में पुलिस गाडी आई और पीडिता गाडी के पास गई तभी अभियुक्तगण मोनू व विनोद पुलिस को देख वहा से भाग गए। पीडिता द्वारा पुलिस थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आगर श्री प्रदीप दुबे के समक्ष विशेष लोक अभियोजक आगर श्री अनूप कुमार गुप्ता द्वारा राज्य/पीडित की ओर से पक्ष रखा गया तथा कुल 17 गवाह न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये तथा तर्क में आरोपी के कृत्य को गंभीर मानते हुए कठौर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया जिस पर न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 376(डी) भादवि में आजीवन शेष प्राकृतिक जीवन काल के लिए कारावास व 10,000/- रूपये के अर्थदण्ड व लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधि.2012(पॉक्सो एक्ट) की धारा-5(एच)/6 में आजीवन कारावास व 10,000/-रूपये अर्थदण्ड, भादवि की धारा 363 में 07 वर्ष का कारावास व 2000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 366 भादवि में 10 वर्ष का कारावास व 5000/-, धारा 323/34 भादवि में 06 माह का कारावास व 1000/- अर्थदण्ड व धारा 506 भाग-2 भादवि मं 05 वर्ष का कारावास व 5000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया जाकर आरोपी को जेल वारंट सहित वापस जेल भेजा गया। अर्थदण्ड की राशि में से रूपये 50,000/- व पृथक से विधिक सेवा प्राधिकरण से चार लाख रूपये के रूप में प्रतिकर दिये जाने हेतु अनुसंशा की गई। अभियोजन को विशेष सहयोग सहायक ग्रेड-3 राहुल मालवीय, सउनि. श्री दिलीप तिवारी तथा कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक 77 पवन वैष्णव का रहा।