एयरलाइंस के डार्क पैटर्न के बारे में सरकार को 1 साल में 10000 शिकायतें मिली हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें पैसा रिफंड नहीं करने को लेकर मिली हैं |
सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि जब आप टिकट बुक करते हैं तो आपको फ्री चेक-इन बताया जाता है। लेकिन जब आप उसमें आगे बढ़ते हैं तो हर सीट के लिए अलग से चार्ज किया जाता हैं। इसमें ग्राहक को जबरदस्ती इंश्योरेंस लेने के लिए बाध्य किया जाता है। इसमें फ्री सीट ग्राहकों को दिखाई नहीं जाती है। इसे एयरलाइंस का डार्क पैटर्न कहा जाता है |
सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि जब आप टिकट बुक करते हैं तो आपको फ्री चेक-इन बताया जाता है। लेकिन जब आप उसमें आगे बढ़ते हैं तो हर सीट के लिए अलग से चार्ज किया जाता हैं। इसमें ग्राहक को जबरदस्ती इंश्योरेंस लेने के लिए बाध्य किया जाता है। इसमें फ्री सीट ग्राहकों को दिखाई नहीं जाती है। इसे एयरलाइंस का डार्क पैटर्न कहा जाता है |
सरकार एयरलाइंस के डार्क पैटर्न पर शिकंजा करने की तैयारी कर रही है। सीट के लिए अलग से चार्ज करना ग्राहक को जबरदस्ती इंश्योरेंस बेचना कंपनियों के डार्क पैटर्न के उदाहरण है। कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने आज ट्रैवल पोर्टल्स के साथ बैठक बुलाई है। ये खबर ग्राहकों के लिए लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। ग्राहकों के हितों का ध्यान रखते हुए कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने इस पर विशेष ध्यान देते हुए बैठक बुलाई है। इस बैठक में मेक माई ट्रिप (MakeMyTrip), ईजमाय ट्रिप (EaseMyTrip) और यात्राडॉट कॉम (Yatra.com) के अधिकारी शामिल होंगे और मंत्रालय के साथ चर्चा करेंगे।
इस खबर पर ज्यादा डिटेल बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि एयरलाइंस के डार्क पैटर्न पर सरकार आंखे तरेर रही है। इसकी वजह ये है कि सीट के लिए अलग से चार्ज करती हैं और ग्राहक को जबरदस्ती इंश्योरेंस लेने के लिए विवश करती हैं। जब आप टिकट बुक करते हैं तो आपको फ्री चेक-इन बताया जाता है। लेकिन जब आप उसमें आगे बढ़ते हैं तो हर सीट के लिए कंपनियां अलग से चार्ज करती हैं। इसमें फ्री सीट ग्राहकों को दिखाई नहीं जाती है। इसे एयरलाइंस का डार्क पैटर्न कहा जाता है। कंपनियां टिकट के बाद सीट के लिए अलग कीमत वसूलती हैं।
इसलिए कंज्यूमर अफेयर मंत्रालय ने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए ट्रैवल पोर्टल के साथ बैठक बुलाई है। इस बैठक में MakeMyTrip, EaseMyTrip, Yatra.com के अधिकारी शामिल होंगे। ट्रैवल पोर्टल के बाद सरकार एयरलाइंस के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा करेगी।
1 साल में मिलीं 10000 शिकायतें
असीम ने आगे कहा कि फ्री चेक इन के नाम पर सीट बुक करते वक्त पोर्टल ग्राहक को इंश्योरेंस लेने के लिए बाध्य करते हैं। जबकि ट्रैवल पोर्टल ग्राहक को सेवाओं के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। इस बारे में सरकार को 1 साल में एयरलाइंस के खिलाफ 10000 शिकायतें मिली हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें पैसा रिफंड नहीं करने को लेकर मिली हैं। दोनों पक्षों के साथ बैठक के बाद मंत्रालय इस बारे में दिशा निर्देश जारी कर सकता है।