कुमार विश्वास को वाई प्लस कैटिगरी की सुरक्षा मिली है। हाल ही में एक डॉक्टर के साथ उनके सुरक्षाकर्मियों की झड़प की खबरें सुर्खियों में हैं। आरोप है कि कुमार विश्वास के सुरक्षाकर्मियों ने डॉक्टर की पिटाई की और उनके साथ गालीगलौज भी की।
क्यों मिली सिक्योरिटी
आम आदमी पार्टी के नेता रहे कुमार विश्वास की अरविंद केजरीवाल से अनबन की बातें जगजाहिर हैं। हाल ही में पंजाब चुनाव के दौरान कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होने केजरीवाल के खलिस्तानी समर्थक होने का दावा किया था। उनके इस आरोप के बाद केजरीवाल ने उन पर पलटवार भी किया था। इस घटना के बाद कुमार विश्वास ने दावा किया था कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इसके बाद गृहमंत्रालय ने उनकी सिक्योरिटी की समीक्षा की और उन्हें वाई कैटिगरी की सुरक्षा दे दी। बाद में इस सुरक्षा को बढ़ाकर वाई प्लस कर दिया गया।
कुमार विश्वास की सुरक्षा में कितने जवान?
कुमार विश्वास की सुरक्षा में फिलहाल आर्म्ड पुलिस के 11 कमांडो तैनात हैं। इनमें से 5 पुलिस के स्टैटिक जवान सुरक्षा के लिए उनके घर और आसपास रहते हैं। इसके साथ ही 6 पीएसओ 3 शिफ्ट में उनकी सुरक्षा देखते हैं।
कितने तरह की सुरक्षा
देश में सुरक्षा उन खास लोगों को दी जाती है जिनकी जान को जोखिम होता है। खतरे का स्तर जिस तरह का होता है, उसी तरह की सुरक्षा प्रदान की जाती है। खतरे को देखते हुए सुरक्षा श्रेणी को मुख्य रूप से 6 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें एसपीजी, जेड+ (उच्चतम लेवल), जेड, वाई+, वाई और एक्स कैटेगरी शामिल हैं। एसपीजी एक विशिष्ट सुरक्षाबल है, जिसका कवर सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री को मिलता है। Z+ सुरक्षा कैटेगरी का नंबर इसके बाद आता है। इस सुरक्षा में 55 कर्मी रहते हैं, जिनमें 10 से ज्यादा NSG कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल हैं। जेड श्रेणी की सुरक्षा में 4 से 6 NSG कमांडो और पुलिसकर्मियों समेत 22 जवानों को तैनात किया जाता है।
वाई और वाई प्लस की सुरक्षा क्या होती है
किसी विशिष्ट नागरिक को जान का खतरा होने पर इस कैटिगरी की सुरक्षा दी जाती है। जैसे किसी को जान से मारने की धमकी मिले तो उसे खतरे के हिसाब से वाई या फिर वाई प्लस की सिक्योरिटी मिलती है। Y+ सुरक्षा श्रेणी में 2-4 कमांडो और पुलिसकर्मियों सहित 11 जवान होते हैं। इनका मासिक खर्च करीब 15 लाख रुपये आता है। वहीं Y कैटिगरी इससे थोड़ा कम लेवल की सिक्योरिटी होती है। इसमें 1-2 कमांडो और पुलिसकर्मियों समेत 8 कर्मी तैनात होते हैं। इसका मासिक खर्च करीब 12 लाख रुपये आता है। इन सबके अलावा एक एक्स-कैटिगरी की भी सुरक्षा होती है। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं होता। यह 2 कर्मियों की सुरक्षा होती है, जिसमें सिर्फ सशस्त्र पुलिस कर्मी होते हैं।
किसे मिलती है ये सुरक्षा
देश में किसे किस श्रेणी की सुरक्षा देनी है, इसका फैसला केंद्र सरकार करती है। खुफिया विभागों से हासिल इनपुट के आधार पर ये सुरक्षा वीआईपी लोगों को दी जाती है। कुमार विश्वास के दावे के बाद गृह मंत्रालय को खुफिया विभाग से अनुकूल इनपुट मिले थे। इसके बाद ही उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला लिया गया था।