सियासत की पिच ऐसी है कि जरा सी लूज बॉल दी कि विरोधी उसे बाउंडरी पार पहुंचाने में देरी नहीं करेंगे। लेकिन I.N.D.I.A. गठबंधन के नेता अपने बयानों से ऐसी लूज गेंदें फेंक रहे हैं जो बीजेपी का रास्ता और आसान ही करेगा। वैसे भी पीएम मोदी लूज गेंदों को सीमा पार पहुंचाने के मास्टर माने जाते हैं।
हाइलाइट्स
- बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के दिए ‘फैमिली प्लानिंग’ ज्ञान पर पीएम मोदी हमलावर
- नीतीश कुमार ने अपने शर्मनाक बयान के लिए मांग ली है माफी लेकिन बीजेपी हमलावर
- विपक्षी गठबंधन के नेता अपने बयानों से पीएम मोदी को परोसकर दे रहे हमले का बड़ा मौकानई दिल्ली : चुनाव का मौसम है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव की रणभूमि सजी हुई है। मिजोरम में तो वोटिंग पूरी भी हो चुकी है। सियासी लिहाज से इतने नाजुक वक्त में विपक्षी I.N.D.I.A. गठबंधन के नेताओं की जुबान से ऐसे शब्द फूट रहे हैं जिन्हें भुनाने में बीजेपी और पीएम मोदी तनिक भी देर नहीं कर रहे। बिहार विधानसभा के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर स्त्री-पुरुष यौन संबंधों को लेकर जो संदर्भ सहित विद्रूप व्याख्या की थी, उसका मुद्दा विधानसभा चुनाव में भी गूंज रहा है। नीतीश ने अगले ही दिन बयान पर सदन में माफी भी मांग ली, वापस भी ले लिया लेकिन शब्द और तीर अगर निकल गए तो वापस कहां होते हैं। पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश की चुनावी सभा में नीतीश के बहाने I.N.D.I.A. गठबंधन पर तीखा हमला करते हुए पूछा, ‘और कितना नीचे गिरोगे, दुनिया में देश को और कितना नीचा गिराओगे।’ विपक्ष के नेता अपने बयानों से बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा थमा रहे हैं। हर कोई जानता है कि पीएम मोदी इस तरह की लूज गेंदों को बाउंडरी पार पहुंचाने में कितने माहिर हैं। सोनिया गांधी का ‘मौत का सौदागर’ वाला बयान रहा हो या फिर मणिशंकर अय्यर का ‘चायवाला’ तंज या फिर राहुल गांधी का ‘चौकीदार चोर’ नारा…पीएम मोदी ने इन सभी को बहुत करीने से भुनाया।
बयानों से बीजेपी को मौके देते विपक्ष के नेता
लगता है कि विपक्ष अपनी पिछली गलतियों से कोई सबक लेता नहीं दिख रहा। ताजा मामला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है। जनसंख्या नियंत्रण और नारी शिक्षा के बीच संबंध बताते वक्त शायद ह्यूमर का तड़का लगाने के चक्कर में उन्होंने ऐसी शर्मनाक भावभंगिमा बनाई, शाब्दिक नंगई का ऐसा ताना-बाना बुना कि अब माफी मांगने के बाद भी विवाद से पीछा नहीं छूट रहा। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली में नीतीश के बयान का जिक्र कर I.N.D.I.A. गठबंधन पर तगड़ा हमला बोला। नीतीश कुमार के शब्द वापस लेने, खुद की निंदा करने, शर्म करने और माफी मांगने के बावजूद बीजेपी गुरुवार को बिहार विधानसभा में हमलावर रही।
सनातन पर उदयनिधि स्टालिन, ए. राजा और प्रियांक खरगे के जहरीले बोल
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के नेताओं में तो जैसे अपनी जुबान से बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा थमाने की होड़ सी मची है। कुछ महीने पहले ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और मच्छर से करते हुए उसके उन्मूलन की ही बात कर दी। तमिलनाडु के मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘हमें मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना वायरस इत्यादि का विरोध नहीं करना चाहिए। हमें इसका उन्मूलन करना चाहिए। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। हमें इसका विरोध नहीं करना है, बल्कि इसका उन्मूलन करना है।’ बयान पर विवाद बढ़ने के बावजूद वह उस पर कायम रहे। डीएमके के ही एक और सीनियर नेता ए. राजा तो उदयनिधि से भी चार कदम आगे बढ़ गए और सनातन की तुलना एचआईवी वायरस और कोढ़ से कर दी। सनातन को न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बताने का हास्यास्पद दावा कर दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे भी पीछे नहीं रहे। उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन करते हुए खरगे ने कहा, ‘कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है, जो मानव गरिमा सुनिश्चित नहीं करता है, वह एक बीमारी की तरह ही है।’ इनके अलावा यूपी में समाजवादी पार्टी और बिहार में आरजेडी के कुछ नेता भी लगातार सनातन और उससे जुड़े प्रतीकों पर हमले करते रहे हैं।
नीतीश ने परिषद में पलटा ‘ज्ञान’ वाला ‘पन्ना’, इधर-उधर ताकती रहीं महिला मंत्रीI.N.D.I.A. गठबंधन के नेताओं की तरफ से सनातन धर्म पर लगातार किए जा रहे हमलों पर पलटवार का जिम्मा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठा लिया। सितंबर में मध्य प्रदेश के बीना में एक रैली के दौरान पीएम ने सनातन को लेकर विपक्ष के खिलाफ बेहद आक्रामक तेवर अपनाया। 38 मिनट के भाषण में 5 मिनट तक सिर्फ सनातन पर विपक्षी नेताओं के जहरीले बयानों पर ही बोलते रहे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस घमंडिया गठबंधन की नीति और रणनीति भारत की संस्कृति पर हमला करने की है। इस I.N.D.I. अलायंस का निर्णय है कि भारतीयों की आस्था पर हमला करो। इस घमंडिया गठबंधन की नीयत है कि भारत को जिन विचारों और संस्कारों ने हजारों वर्ष से जोड़ा है, उन्हें तबाह कर दो। ये घमंडिया गठबंधन वाले सनातन संस्कारों और परंपरा को समाप्त करने का संकल्प लेकर आए हैं। जिस सनातन को महात्मा गांधी ने जीवनपर्यंत माना, जिस सनातन ने उन्हें अस्पृश्यता के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया। ये घमंडिया गठबंधन के लोग उस सनातन परंपरा को समाप्त करना चाहते हैं।’ आखिरकार तमिलनाडु के सीएम स्टालिन को अपने नेताओं को ये ताकीद देनी पड़ी कि वे सनातन पर कोई बयान देने से बचे। पीएम मोदी अब भी रैलियों में इंडिया गठंबंधन के नेताओं की तरफ से दिए गए सनातन विरोधी बयानों का मुद्दा उठाते हैं।
हिंदू देवी, देवताओं पर अभद्र टिप्पणियां
I.N.D.I.A. गठबंधन से जुड़ीं पार्टियों के बड़े नेता ही नहीं, कई छुटभैये भी सनातन और देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणियां करने से बाज नहीं आ रहे। बीते नवरात्र में बिहार से आरजेडी विधायक फतेह बहादुर ने देवी दुर्गा के जन्म और उनके सिंदूर लगाने को लेकर सवाल खड़े करते हुए अपमानजनक टिप्पणियां कीं। सितंबर में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू का मतलब ‘चोर, नीच, अधम’ बता दिया। आरजेडी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अयोध्या के राम मंदिर पर विवादित बयान देते हुए कहा कि नफरत की जमीन पर मंदिर का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘कण-कण में रहने वाले राम अब पत्थरों की चारदीवारी में चले गए हैं, जहां नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। अब भारत में उन्मादियों के राम बचेंगे। अब गरीबों के, झोपड़ीवालों के, तुलसी के राम, अयोध्या के राम, शबरी के जूठे बेर खाने वाले राम अब भारत में नहीं, बल्कि पत्थरों की भीतर रहेंगे।’ जगदानंद सिंह और स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेता तो ब्राह्मणों पर भी आपत्तिजनक बयान दे चुके हैं। सिंह ने कहा था कि जो तिलक लगाकर घूमते हैं, उन्होंने ही भारत को गुलाम बनवाया था। इसी तरह स्वामी प्रसाद मौर्य भी ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मुकदमे का सामना कर रहे हैं। दूसरी तरफ, पीएम मोदी अपनी चुनावी सभाओं में अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का जमकर गुणगान कर रहे हैं। गुरुवार को मध्य प्रदेश के सतना की रैली में उन्होंने राम मंदिर निर्माण की चर्चा की।
राम चरित मानस पर जहरीले बोल
आरजेडी नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव और यूपी में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य तो लगातार राम चरित मानस पर लगातार जहर उगलते रहे हैं। यादव तो राम चरित मानस की तुलना पोटैशियम साइनाइड से करते हुए उसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बता चुके हैं। इसी तरह स्वामी प्रसाद मौर्य भी मानस की कुछ चुनिंदा दोहों, चौपाइयों का हवाला देकर जहर उगलते रहते हैं। हिंदू धर्म और उससे जुड़े प्रतीकों पर हमले से फायदा तो आखिरकार बीजेपी को ही पहुंचेगा। एक तरफ विपक्ष बीजेपी के हिंदुत्व की काट के लिए छटपटा रहा है लेकिन विडंबना यह है उसी के नेता अपने बयानों से बीजेपी को बैठे-बिठाए ऐसे मुद्दे थमा रहे हैं जिससे उसकी हिंदुत्व पॉलिटिक्स की धार और ज्यादा पैनी ही होगी।