देवास – अंतराष्ट्रीय मापदंडो के अनुसार 20 प्रतिशत से अधिक जलने पर क्रिटिकल केस या अत्यंत गंभीर मरीज की श्रेणी में रखा जाता है वही अगर 65 प्रतिशत से अधिक जलने पर मरीज का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है | किन्तु अमलतास की एडवांस बर्न केयर यूनिट के डॉक्टर भगवान बन कर पूरी टीम ने जी जान से कड़ी मेहनत कर मरीज को मौत के मुंह से बाहर निकाला | उक्त मरीज़ धापु बाई उम्र 40 वर्ष निवासी शाजापुर घर पर ख़ाना बनाते समय गैस चूल्हे में आग लगने के कारण शरीर का 65% हिस्सा पूरी तरह जल चुका था ,मरीज़ को जलने के बाद वहाँ के सरकारी अस्पताल में ले ज़ाया गया परन्तु मरीज़ के अधिक जलने के कारण मरीज़ को किसी बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दी गई , मरीज़ के परिजन मरीज़ को अमलतास अस्पताल लाये जहां मरीज़ को बर्न आईसीयू में रखकर आयुष्मान योजना के अन्तर्गत निःशुल्क इलाज किया गया , मरीज़ के शरीर का हिस्सा ज़्यादा जल जाने के कारण मरीज़ का बचना मुश्किल था लेकिन बर्न आईसीयू के विशेषज्ञ डॉ. सीमा मित्तल एवं डॉ. राजपाल सिंह एवं बर्न यूनिट की पूरी टीम नर्सिंग स्टाफ मनीष , इमरान , फैयाज , इरम अंजुम , पूजा द्वारा अथक प्रयास महँगी दवाईया एवं रोज़ाना एंटीबायोटिक ड्रेसिंग करके उक्त मरीज़ की जान बचाई जा सकी, अब मरीज मरीज़ पूर्णतः ठीक है | अमलतास अस्पताल के चेयरमैन श्री मयंकराज सिंह भदौरिया जी द्वारा बताया गया की टीम के सभी सदस्यों की अहम भूमिका से नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया आज मरीज की जल्द रिकवरी कर मरीज को नया जीवन दिया जिसके लिये पूरी टीम इस कोशल कार्य के लिये बधाई के पात्र है |