भोपाल । मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक पुनर्वास भी जल्द हो सकता है। पार्टी हाईकमान ने चर्चा के लिए उन्हें दिल्ली बुलाया है। शिवराज सिंह चौहान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़्डा से मुलाकात करेंगे। शिवराज इस मुलाकात के लिए मंगलवार दोपहर यहां पहुंचे। माना जा रहा है कि जेपी नड्डा से भेंट के बाद शिवराज सिंह की नई जिम्मेदारी को लेकर निर्णय हो सकता है। उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है या फिर कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह इससे पहले भी पार्टी में राष्ट्रीय सचिव व अन्य दायित्व निभा चुके हैं। पांच बार सांसद रहने के कारण उन्हें लोकसभा चुनावों का भी अच्छा अनुभव है।
बता दें, संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा ने रविवार को दिल्ली में जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके पहले नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय ने दोनों नेताओं से भेंट की थी। यहां शिवराज नहीं थे। तभी से यह माना जा रहा था पार्टी हाईकमान उनसे अलग से बात करेगा।
मोहन यादव मुख्यमंत्री बने, यही पीढ़ी परिवर्तन हैः शिवराज
विधानसभा में सोमवार को मीडिया से बातचीत में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीढ़ी परिवर्तन हुआ है। यह स्वाभाविक प्रक्रिया है जो दोनों पक्षों में देखने को मिल रही है। डा. मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं तो उमंग सिंघार नेता प्रतिपक्ष। इसे बहुत सकारात्मक रूप में लेना चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि डा. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयां छुएगा। मैंने लगभग 17 वर्ष मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा की। विकास हो या जनकल्याण, मुझे संतोष और गर्व है कि अपनी जनता के लिए और प्रदेश के विकास के लिए मैं बहुत काम कर पाया। स्वाभाविक तौर पर राज्य के नागरिक के नाते मेरी यही इच्छा है कि मोहन यादव के नेतृत्व में मुझसे बेहतर काम हो। जिस तरह से नई सरकार ने काम शुरू किया है वह आनंद और प्रसन्नता देने वाला है। विधायक दल का नेता होने के नाते वह मेरे भी नेता हैं। मैं सभी को सक्रिय सहयोग करूंगा।