पाकिस्तान और बांग्लादेश में आज भी कई जगहों के नाम राम के नाम पर

नई दिल्ली। भारतीय उपमहाद्वीप में एक समय में तमाम जगहों के नाम हिंदू देवी देवताओं और राम के नाम पर थे, लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश में आजादी के बाद से काफी नाम बदले जा चुके हैं। लेकिन आपको हैरानी होगी कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में अब भी कई जगहों के नाम राम के नाम पर हैं। कई जगहों के नाम हिदू देवी-देवताओं के नाम पर हैं। हालांकि पाकिस्तान में बहुत से नाम बदले जा चुके हैं।
चिनाब नदी के किनारे बसा पाकिस्तान का एक छोटा सा शहर है रसूल नगर। ये पंजाब के वजीराबाद जिले में मौजूद है। बंटवारे और आजादी के बाद भी शहर का नाम बहुत दिनों तक रामनगर था। जब बंटवारा होने लगा तब यहां से सिख और हिंदू ज्यादातर भारत भाग आए। 50 के दशक में इस जगह का नाम बदल दिया गया।
अब ये रसूल नगर है। ये जगह इसलिए भी खास है, क्योंकि यहीं अंग्रेजों और सिखों के बीच 18 नवंबर 1848 के एक बड़ी लड़ाई लड़ी गई थी, जिसे रामनगर की लड़ाई कहते हैं।  एक जमाने में ये पंजाब के पूर्व शासक रणजीत सिंह के राज में खास बाजार का केंद्र था। जिन्हें पंजाब का शेर भी कहा जाता है, ने अपना समय इस क्षेत्र में चिनाब नदी के तट पर बिताया था जब वह पंजाब के शासक थे, रसूल नगर उस समय कई चीजों का मुख्य बाजार था।  जब नवंबर 1848 में सिखों और ब्रिटिशों के बीच रामनगर की लड़ाई लड़ी गई तब सिखों ने ब्रिटिशों के अचानक हमले के कोशिश को नाकाम कर दिया। लेकिन इसके बाद जब युद्ध हुआ तब सिख हार गए। इसके बाद फिर दूसरा युद्ध भी हुआ। जिसमें सिखों की जीत हुई। ये बहुत बड़ी बात थी। सिख बहुत बहादुरी से लड़े थे।
पाकिस्तान में नाम बदलने की परंपरा विभाजन के तुरंत बाद ही शुरू हो गई थी।  विभाजन के बाद नए बने देश ने खुद को भारतीय विरासत से दूर करने की कोशिश की। तब पाकिस्तान ने एक मुस्लिम देश की पहचान बनाने की कोशिश की, जो पड़ोसी दक्षिण एशियाई देशों की बजाय अरब देशों के ज्यादा करीब दिखाई दे।
वैसे कराची में अब भी रामचंद्र टेंपल रोड बरकरार है। ये रोड कराची के राम मंदिर की ओर जाती है, लिहाजा इसका नाम रामचंद्र टेंपल रोड है। इस तरह वहां आत्माराम प्रीतमदास रोड, बलूचिस्तान में हिंगलाज और खैबर पख़्तूनख़्वा में हरिपुर प्रांत के नाम बने हुए हैं। लाहौर में ऐसी कई जगहें हैं जिनके हिंदू या सिख नाम थे, जो बदले गए। जैसे लाहौर का एक इलाका था कृष्ण नगर। इसका नाम बदलकर इस्लामपुर रख दिया गया। जैन मंदिर चौक को बाबरी मस्जिद चौक कर दिया गया। बलूचिस्तान में हिंदू बाग नाम को अब मुस्लिम बाग कहा जाता है।
वैसे लाहौर से बिल्कुल करीब एक कस्बा है, जिसका नाम नक्शे पर अब भी रामपुर ही है, ये बिल्कुल शहर के करीब है।
इस तरह बांग्लादेश में चिटगांव में एक तहसील रामनगर के नाम से है, तब बांग्लादेश में ही जेसोर सदर में एक कस्बा रामनगर यूनियन के तौर पर जाना जाता है।  वैसे बांग्लादेश के चिटागांग डिविजन में एक शहर ब्राह्णणबारिया अब भी मौजूद है तब लक्ष्मीपुर जिला भी। इसतरह ढाका डिविजन में गोपालगंज और नारायणगंज जैसे जिले अब भी हैं।
नेपाल में जरूर अलग अलग जिलों में रामनगर नाम से 09 जगहें हैं, जो गांव या कस्बे के तौर पर हैं और सभी तकरीबन नगरपालिका क्षेत्र हैं। भारत के पड़ोसी मुल्क में एक बड़ा शहर है मोलूमीन। इतिहास बताता है कि पुराने समय में एक भारत के किसी शासक के अधीन था, तब इसका नाम रामपुर था।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles