उज्जैन। नगर निगम को अगले महीने बड़े व्यापार मेले तथा लाखों दीपक लगाने का खर्चा उठाना है जबकि निगम की हालत इतनी खराब है कि कर्मचारियों को वेतन देने की भी स्थिति नहीं हैं। विक्रम व्यापार मेला लगाने की पूरी जिम्मेदारी नगर निगम को सरकार ने दी है। यह एक बड़ा आयोजन है और इसमें करोड़ों रुपए खर्च होना हैं। नगर निगम की हालत ऐसी है कि यहाँ कर्मचारियों को वेतन भी समय से नहीं मिल पा रहा है।
इसके अलावा ठेकेदारों के करोड़ों रुपए बकाया है। ऐसे में नगर निगम को इस बड़े महत्वपूर्ण आयोजन की जिम्मेदारी दी है। जैसे ही नगर निगम ने विक्रम व्यापार में टेंडर निकाले तो कई लोग आने के लिए तैयार नहीं हैं। इलेक्ट्रॉनिक मार्केट का एक भी दुकान लगाने का आवेदन नहीं आया, वहीं दीप प्रज्जवलन का बड़ा कार्यक्रम भी नगर निगम को दे दिया गया है। इस कार्यक्रम के पीछे की बात यह है कि पिछले वर्ष हुए आयोजन में सामग्री सप्लाई करने वालों को अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है और इस साल फिर यह बड़ा आयोजन किया जा रहा है। इनका भुगतान कब तक होगा यह कहा नहीं जा सकता। ऐसे में शासन द्वारा इस बड़े आयोजन की जिम्मेदारी नगर निगम को देना समझ से परे है।