गोचर भूमि से कब्जा छुड़वाने में गोप्रेमी संगठन एवं समाज भी प्रशासन का सहयोग करें – स्वामी गोपालानंद सरस्वती

सुसनेर। मध्यप्रदेश यशस्वी मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन जी यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन वर्ष २०८१, से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा,श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्स के 131 वे दिवस पर* श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती महाराज ने बताया कि महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने युवाओं में आजादी का जोश भरा था, स्वतंत्रता की बलिवेदी पर हंसते हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए ऐसी महान विभूति मदन लाल जी ढींगरा की शहादत पर कोटि कोटि नमन।

वेद मंत्रों के उच्चारण के समय आज कथा पांडाल में एक गोमाता ने बछिया को जन्म दिया। महाराज जी ने उसका नाम वेदा रखा।

स्वामीजी ने बताया कि जब जब ब्राह्मण और गोमाता दुखी होती है तब तब भगवान स्वयं अवतरित होते है। जो नाथ कभी ब्रज में गईया चराते थे वही नाथ ने द्वारिका में सागर नगरी बसाई। जिसका नाम द्वारिका धाम रखा । वहां से 7 कोस आगे दारुक वन नामक क्षेत्र है। जहां पहले भयंकर जंगल होता था। आज वहां पर भगवान शंकर आनंद पूर्वक बिराजते है ।

स्वामीजी ने बताया कि विधि पूर्वक व्यापार में जूठ नही बोलना, मिलावट नही करना, कम नहीं तोलना, अधिक मुनाफा नही लेना। यह व्यापार की विधि है। लोग कहते है झूठ बिना व्यापार नही चलता, यह भ्रांति है। धर्म ग्रंथ कहते है कि सत्य बोलने से व्यापार कई गुणा अधिक तेज गति से बढ़ता है।

वैश्य का धर्म है कृषि, वाणिज्य और गोसेवा । स्वयं ठाकुर जी ने महाभारत के रंगाण में यह बात कही। गीता जी के 18वें अध्याय के 44 श्लोक में यह बात स्पष्ट लिखी है।

स्वामीजी ने बताया कि एक वर्षीय गोकृपा कथा के माध्यम से चारागाह भूमि छोड़ने का गोबरपीठ के माध्यम से जो आह्वान किया जा रहा है उसके परिणाम मध्यप्रदेश सहित सम्पूर्ण भारत में आने शुरू हो गए है ,जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण छत्तीसगढ़ के 320 लोगों द्वारा हजारों एकड़ गोचर भूमि को छोड़ना और आज आगर जिले के सोयत कला पंचायत के देहरिया में गोशाला के समीप तालाब के किनारे लगभग 1500 बीघा गोचर भूमि को गोवर्धन गोशाला के अध्यक्ष राजेश गुप्ता, स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक राजेश कुमरावत, विश्व हिंदू परिषद प्रखंड अध्यक्ष जितेश राठौर, भारतीय किसान संघ के रमेश डांगी आदि गो प्रेमी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा गोचर भूमि को मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार को दिया था ,जिसके परिणाम स्वरूप नायब तहसीलदार राजेश श्रीमाल एवं थाना प्रभारी यशवंतराव गायकवाड सहित राजस्व एवं पुलिस टीम ने 1500 बीघा चारागाह भूमि को गोमाता के चरने के लिए मुक्त करवाया दिया है, पूज्य महाराज जी ने सभी गोप्रेमी संगठनों एवं राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों का इस पुनीत कार्य के लिए आभार जताया और गो प्रेमी सज्जनों से आग्रह किया कि चारागाह भूमि से कब्जा छुड़वाने में प्रशासन का सहयोग करावे ताकि प्रशानिक अधिकारी निर्भीक होकर गोमाता की गोचर को मुक्त करवा सकें साथ ही प्रशासन से भी आग्रह है कि वे गोचर को मुक्त करवाने के लिए जनसहयोग के माध्यम से विशेष अभियान चलाकर गो कृपा कथा के माध्यम से प्रेरित होकर जिन जिन ने भी गोचर छोड़ने की पहल की है उनकी कब्जे वाली चारागाह भूमि को शीघ्र मुक्त करवाया जाएं ताकि वे पाप के भागी नहीं बने और उनसे प्रेरणा लेकर आगर जिले की सम्पूर्ण गोचर भूमि कब्जा मुक्त हो जाएं।

131 वें दिवस पर गोसेवक सन्त परम पूज्य आनंद गिरि जी महाराज श्री धाम वृंदावन आह्वान अखाडा ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहां कि मध्य प्रदेश जो भारत की नाभी है उस मध्यप्रदेश से असंख्य गोवंश कटने के लिए कत्लखानों में जाता है , मध्यप्रदेश के सभी सनातनियों से मै आह्वान करता हूं कि आप अपने अपने घरों में एक एक गोवंश की सेवा अवश्य करें । क्योंकि जिसने गोसेवा कर ली तो गोपाल की सेवा स्वत: ही हो जाएगी और गोरक्षा एवम गोसेवा के बिना राष्ट्र रक्षा संभव नहीं है

131 वे दिवस पर अतिथि के रूप में मलुक पीठाधीश्वर पूज्य राजेन्द्र दास जी महाराज के कृपापात्र मध्यप्रदेश के सागर निवासी श्री मुन्ना प्रसाद जी मिश्रा एवं उनकी अर्दांगनी श्रीमती संध्या जी उपस्थित रहें

श्रावण शुक्ला द्वादशी पर शिवसहस्त्राहुती यज्ञ ,पार्थिव शिव लिंग पूजन एवं रुद्राभिषेक गुमान सिंह जी भाटी धर्मपत्नि मांगु कंवर, लादू सिंह जी भाटी धर्मपत्नि रसाल कंवर

पिता – जबर सिंह जी भाटी के परिवार की तरफ से ग्राम- अराबा,तहसील-कल्याण पुर,(बाड़मेर) हाल मुकाम – नागरकोइल, (कन्याकुमारी) तमिलनाडू की और से एकादश विप्रजनों के माध्यम से सम्पन्न हुआ।

131 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले की पिडावा तहसील से

 एक वर्षीय गोकृपा कथा के 131 वें दिवस पर चुनरी यात्रा गोमाता के पंचगव्य से असाध्य से असाध्य रोग का निवारण करने वाले एवं *कामधेनू चिकित्सा चंद्रोदय* पुस्तक के लेखक राजवेद्य पंडित रेवाशंकर जी के भतीजे मुरली मनोहर जी शर्मा पिड़ावा, जिला-झालावाड़ के परिवार ने अपने देश,राज्य एवं ग्राम/नगर के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

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