भगवान श्री कृष्णा की बाल लीला का प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु।

: भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का प्रसंग सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

हाटपीपल्या/भविष्य दर्पण/नीरज सोलंकी

हाटपीपल्या। समीपस्थ ग्राम मनासा में चल रही श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन कथा़चक पूजा शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। इसमें भगवान के जन्म लेने से लेकर अनेक प्रसंग का वर्णन हुआ। व्यासपीठ से पूजा शर्मा

ने कहा कि भगवान बडे रुप मे माता जी से बात करने लगे तो माता जी ने कहा बालक के रुप मे आओ और चार हाथ के बालक नही होता भगवान ने अपने दो हाथ कम किया और रोना प्रारम्भ कर दिया भगवान कृष्ण के दर्शन करने के लिए यमना ऊफन पर आई भगवान ने यमनाजी को डाट लगई मे बाबा को डुबाये गी यमनाजी बोली मे आपके दर्शन करना चाहती हू भगवान के कहा की दर्शन नही दे पाऊगा मेरे चरण स्पर्श कर लो जन्म होने के बाद राजा कंस उनकी मृत्यु कराने के लिए अपने राज्य की बलशाली राक्षसी पूतना को गोकुल धाम भेजते है। पूतना वेष बदलकर गोकुल धाम पहुंचती है और भगवान श्री कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, परंतु जैसे ही भगवान कृष्ण पूतना का दूध पीते हैं तो पूतना की मौत हो जाती है। उसके बाद कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्ना करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने के की तैयारी करते हैं। भगवान कृष्ण द्वारा उनको भगवान इंद्र की पूजन करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजन करने की बात कहते हैं। भगवान कृष्ण की यह बात सुनकर राजा इंद्र क्रोधित हो जाते हैं और अपने क्रोध के चलते गोकुल धाम में भारी वर्षा करते हैं, जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत के नीचे बुला लेते हैं, जिससे हारकर इंद्र एक सप्ताह के बाद बारिश को बंद कर देते हैं, जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारों लगाने लगत आज भागवत महापुराण की आरती पवन चिगा,राजेश बुडिया, देवकरण प्रजापत ,दिनेश सारण,अजय चिगा ने सह पत्नी आरती उतारी इस अवसर पर सैकड़ों महिलाओं एंव पुरुष उपस्थित थे अन्य मे प्रसाद वितरण किया गाया।

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