महाकाल मंदिर के बाहर बच्चे नहीं लगाएंगे तिलक:- चाइल्ड फ्रेंडली महाकाल परिसर- मन्दिर के बाहर परिसर से चार बच्चे रेस्क्यू

  • कलेक्टर ने कहा बच्चों की उम्र मांग कर कमाने की नहीं, उन्हें हर सुविधा देंगे

महाकाल मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं को तिलक लगाकर पैसे मांगने वाले बच्चों को लेकर केंद्र सरकार और प्रशासन अलर्ट हो गया है। दिल्ली से उज्जैन पहुँची टीम ने प्रमुख तीर्थ स्थलों के बाहर निरीक्षण किया। टीम ने रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर आशीष सिंह को सौंपी है। इस पर कलेक्टर ने चाइल्ड केअर हेल्प लाइन व महिला बाल विकास अधिकारियों को भेजकर अब तक 12 बच्चों को काउंसलिंग के लिए बाल सुधार गृह पहुँचाया।

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग देशभर के 51 चयनित तीर्थ स्थलों के बाहर 23 से 29 दिसम्बर तक विशेष अभियान चला रहा है। इसमें धर्मस्थलों के बाहर भिक्षा वृत्ति व अन्य श्रम करने वाले बच्चों का रेस्क्यू किया जाएगा। उन्हें स्कूल में प्रवेश से लेकर हर जरूरत की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।

कलेक्टर आशीषसिंह ने कहा महाकाल मंदिर परिसर के बाहर कई बच्चे श्रद्धालुओं को तिलक लगाकर पैसा मांगते हैं। उन्हें स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा और अन्य जरुरतों को भी समझकर पूरा करेंगे। शनिवार को ऐसे ही 4 बच्चों को चिन्हित किया गया। उन्हें बाल कल्याण समिति को सौंपा है।

रेस्क्यू अभियान में बाल कल्याण समिति उज्जैन के अध्यक्ष शेरसिंह ठाकुर सदस्य गायत्री धनगर, महाकाल थाने से शशांक एवं पंकज, महिला बाल विकास से संरक्षण अधिकारी अमृता सोनी, सामाजिक कार्यकर्ता गौरव मित्तल शामिल हुए।

यहां भी सक्रिय हैं बच्चे –

चिंतामण गणेश मंदिर के बाहर बच्चे दुर्वा बेचते है। मंगलनाथ, कालभैरव, हरसिद्धि मंदिर के बाहर व अन्य धार्मिक स्थलों के बाहर बच्चे परिवार के साथ वर्षों से सक्रिय हैं। ऐसे बच्चों के भविष्य को लेकर अब बाल कल्याण समिति निर्णय लेगी साथ ही उनके माता पिता को समझाइश दी जाएगी।

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