गुरुवार को भगवान महाकाल का श्रंगार गुरु (बृहस्पति) स्वरूप में किया गया। चंदन से जटाएं बनाईं तो अबीर व गुलाल से चेहरे का श्रंगार किया।
भस्म रमाने के बाद महाकाल के दर्शन।
मस्तक पर भांग फिर अबीर लगाकर तीसरा नेत्र बनाया। वहीं रुद्राक्ष से मस्तक पर गोल तिलक लगाया।
भस्म रमाने के पहले महाकाल के दर्शन।
श्रंगार के बाद पीतांबर धारण कराए ओर आरती के बाद मिष्ठान, भांग व फलों का भोग लगाया।
नंदी महाराज