​​​​​​​कोविड के साथ दूसरी बीमारियों का दौर… :- 8 दिन में 11474 मरीज, गले से फेफड़ों तक को प्रभावित कर रहा, दवाइयां भी बेअसर

नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच अब उज्जैन में वायरल संक्रमण का अटैक शुरू हो गया है। जो कि मरीजों के गले से लेकर फेफड़ों तक को प्रभावित कर रहा है। सर्दी के मौसम में पहली बार देखने में आ रहा है कि मरीज तीन दिन की बजाए सात से 10 दिन में ठीक हो पा रहे हैं या इससे भी ज्यादा समय लग रहा है। दवाइयां भी बेअसर हो रही है। आठ दिनों में ही मरीजों का आंकड़ा 11 हजार के पार हो गया है।

सर्दी के साथ लोगों को कफ की समस्या बढ़ने के साथ बुखार भी आ रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी मरीजों से भरी हुई है। बढ़ते मरीजों के बीच अस्पतालों में वेटिंग चल रही है। बदलते मौसम में हर तीसरे-चाैथे घर में लोगों को गले संबंधी रोग सहित सर्दी-खांसी और वायरल फीवर हो रहा है। सर्दी का वायरस सीधे गले पर अटैक कर रहा है जो बाद में श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहा है।

मरीजों में लक्षण कोरोना जैसे ही पाए जा रहे हैं

कोरोना की तरह ही मरीजों में लक्षण देखे जा रहे हैं, जिसमें मरीजों में मांसपेशियों में दर्द, आंखों में जलन, कान में खुजली या दर्द और सिरदर्द तथा बुखार के लक्षण भी पाए जा रहे हैं। पिछले 8 दिन में ही जिले में सर्दी-खांसी व बुखार के 11474 मरीज सामने आ चुके हैं। जिन्होंने नए वैरिएंट की आशंका में अपना कोविड टेस्ट करवाया है। पहली बार सर्दी-खांसी का असर मरीजों में ऐसा हो रहा है कि मरीजों को ठीक होने में एक सप्ताह की बजाए 7 से 10 दिन लग रहे हैं। शुरुआत में तो दवाइयां भी बेअसर हो रही है।

कोरोना के अब तक 22 मरीज

मार्च-2020 से बीमारियों को दौर शुरू हुआ, जिसमें पहले कोरोना का संक्रमण फैला। उसके बाद मार्च-2021 में दूसरी लहर आई और फिर जिले में डेंगू का संक्रमण तेजी से फैला, जिसमें डेंगू के रिकाॅर्ड मरीज पाए गए और अब कोल्ड वायरस के अटैक के साथ कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो गई है। इसमें अब तक 25 मरीज को कोविड पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।

मौसम में बदलाव से बीमारियां बढ़ी

बदलते मौसम में लाेगों को गले संबंधी रोग होने के साथ में सर्दी-खांसी और वायरल फीवर हो रहा है। मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं, जिसमें मरीजों में मांस पेशियों में दर्द, आंखों में जलन, कान में खुजली या दर्द और सिरदर्द तथा बुखार के लक्षण भी पाए जा रहे हैं।

– डॉ. एचपी सोनानिया, नोडल अधिकारी कोविड-19

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