बंद रहे कपड़ा बाजार, ठेलों पर सब्जियां, पोहे, भजिए बेचे, कांग्रेस विधायक शुक्ला ने खरीदे

शहर का व्यस्ततम एमटी क्लॉथ मार्केट बंद रहा।

1 जनवरी से GST की दर 5 फीसदी से बढाकर 12 फीसदी करने को लेकर कपड़ा व्यापारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आंदोलन की कड़ी में गुरुवार को इंदौर सहित मप्र के सभी कपड़ा व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर विरोध प्रदर्शन किया। इंदौर रिटेल गारमेंट्स व्यापारियों ने दुकानों के सामने ठेले लगाकर सब्जियां, पोहे, जलेबी, भजिए आदि बेचे और सरकार के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। इस दौरान कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने व्यापारियों ने भजिए खरीदे।

शहर में एमटी क्लॉथ मार्केट, राजबाजा, आडा बाजार, सीतलामाता बाजार, रिवर साइड रोड, सपना-संगीता, मालवा मिल, पाटनीपुरा आदि बाजारों की कपड़ा दुकानें बंद रही। व्यापारी एमटी क्लॉथ मार्केट में एकत्र हुए और धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की। मध्य प्रदेश जीएसटी संघर्ष समिति के संयोजक रजनीश चौरडिया, प्रवक्ता अरुण बाकलीवाल, एसोसिएशन के अध्यक्ष हंसराज जैन व मंत्री कैलाश मूंगड़ ने कहा कि GST की दर 12 फीसदी करने से छोटे व्यापारियों का व्यापार चौपट हो जाएगा। महिलाओं की रोजी रोटी छिन जाएगी व बेरोजगारी बढ़ जाएगी। देश के 135 करोड़ की जनता पर इसका भार आएगा। यह कृषि से भी ज्यादा रोजगार देने वाला व्यापार है। इस व्यापार से 20 से 25 करोड़ जुड़े हुए हैं। व्यापारी वर्ग शुरू से ही भाजपा का समर्थक रहा है इसके बावजूद सरकार द्वारा नए-नए कर लगाकर व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है।

रेडिमेड व्यापारियों ने पोहे, भजिए बनाकर बेचे। कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी खरीदे भजिए।

दूसरी ओर इंदौर रिटेल गारमेंट्स व्यापरी एसोसिएशन से जुड़े व्यापारियों ने ठेलों पर पोहे, जलेबी व भजिए बनाए और बेचकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन व सचिव महेश गौर ने बताया कि शासन को जमीनी हकीकत को समझना चाहिए। रोटी कपड़ा और मकान आमजन के जीवन का अहम हिस्सा होता है। कपड़े पर GST की दर 12 फीसदी होने से महंगाई को चरम पर पहुंचेगी। व्यापारियों का कहना है कि 12 फीसदी बढ़ोतरी सरकार की मनमानी का परिचायक है। इससे व्यापारियों का भविष्य अंधकारमय होगा ओर रोजी रोटी के लाले पड़ जाएंगे। व्यापारियों ने और भी उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles