शिप्रा के लिए दो मंत्री, सांसद, कलेक्टर का मंथन:- जहां कच्चे बांध बने वहीं पक्के बांध बनाने पर सहमति, जल्द बनेगा प्रस्ताव

शिप्रा नदी में मिल रही प्रदूषित कान्ह नदी के कारण शिप्रा नदी का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। रामघाट पर बीते चार माह से पानी की टेस्टिंग में शिप्रा का पानी डी ग्रेड का मिला है जो कि ना तो नहाने लायक है और ना ही पीने लायक बचा है। शिप्रा के इस तरह प्रदूषित होने संतों के धरने की बात भोपाल तक पहुंची तो सीएम शिवराज सिंह ने इस पर संज्ञान लिया है।

गुरुवार को जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, कलेक्टर आशीष सिंह को कान्ह नदी के पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने के उपाय खोजने के लिए भेजा। ये सभी आज राघौपिपलिया और त्रिवेणी डेम पहुंचे। सभी ने कहा जहां मिट्‌टी के कच्चे डेम बने हैं, वहीं पर पक्के डेम बनाए जाएंगे। इसके लिए तैयारी शुरू की जा रही है।

यहां बारीकी से निरीक्षण और अधिकारियों की राय लेकर पीएचई के अधिकारियों के साथ बृहस्पति भवन में बैठक की। तय किया कि फिलहाल मकर संक्रांति के दिन होने वाले नहान के लिए अस्थायी मिट्‌टी के डेम बनाये जाएंगे।

शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर सन्तों के मोर्चा खोलने के बाद अब प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद व जिले के आलाधिकारी राघवपिपलिया स्थित डेम व त्रिवेणी स्थित कच्चे डेम को देखने पहुँचे। सभी ने सन्तों से मिलकर चर्चा करने की बात कही। मंत्रियों ने कहा इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। श्रद्धालुओं को शिप्रा का साफ पानी मिले इसके लिए सरकार गम्भीर है। जल्द निराकरण किया जाएगा।

जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने निरीक्षण के बाद कहा कच्चे डेम बन रहे है वहां निरीक्षण किया है, शीघ्र ही शुद्धिकरण को लेकर बनाए जाने वाले पक्के डेम के लिए निर्णय लिए जाएगा।

मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि ये बात सही है कि कान्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा में मिलने से नदी प्रभावित हो रही है। दो जगह जहां कच्चा डेम बना रहा है उसको स्थाई रूप से निर्माण करने के लिए हम प्रयासरत हैं।

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