नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) ग्रेडिंग से पहले काॅलेजों को व्यवस्था सुधारने तीन-तीन लाख रुपए मिलेंगे। इस राशि से कॉलेज प्रबंधन सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीन, वाटर कूलर, लायब्रेरी साॅफ्टवेयर, सजेशन बाॅक्स, फायर एक्सटिंग्युशर जैसे सामान खरीदेंगे। प्रदेश के 54 कॉलेजों को यह राशि उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के तहत दी जाएगी। गौरतलब है कि पिछले करीब दो साल से कोरोना की वजह से नैक की ग्रेडिंग नहीं हो सकी है। अब यह फिर शुरू की जा रही है। हालांकि कॉलेजों की स्थिति रिसर्च वर्क में पिछली बार भी संतोषजनक नहीं पाई गई थी।
उच्च शिक्षा विभाग ने 54 कॉलेजों को राशि देने के लिए प्रशासकीय मंजूरी दे दी है। इसमें भोपाल के भी कई कॉलेज शामिल हैं। इनमें भी जल्द नैक टीम का दौरा होगा, जो इनकी व्यवस्थाओं के आधार पर मूल्यांकन करेगी और ग्रेडिंग देगी। कॉलेजों को इस राशि का उपयोग वित्तीय वर्ष 2021-22 में करना होगा। भोपाल सहित प्रदेश के सभी कॉलेजों को मिलाकर 1.62 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
हमीदिया कॉलेज राजधानी का लीड कॉलेज होने के बाद भी अभी बी ग्रेड है
ताकत
- 15 डिपार्टमेंट, 5800 से ज्यादा छात्र
- स्पेशल कोर्स- टेली, एनशिएंट हिस्ट्री
- सायकोलॉजी डिपार्टमेंट बेहतर व काउंसलिंग
कमजोरी
- 59 फैकल्टी हैं, लेकिन जरूरत 65 की है।
- ह्यूमन रिसोर्स की कमी, जनभागीदारी से रखेंगे।
- स्मार्ट लायब्रेरी के काम में देरी।
- एप्रोच रोड पर अतिक्रमण।
- गीतांजलि कॉलेज
ताकत
- बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, नए इक्यूप्मेंट्स और क्लासरूम, बिल्डिंग में लिफ्ट का प्रावधान, छात्राओं के लिए रोजगारपरक कोर्स
कमजोरी
- फैकल्टी की कमी सिर्फ 38 रेगुलर स्टाफ, लायब्रेरियन नहीं, स्पोर्ट्स टीचर की कमी।
- नवीन कॉलेज,
ताकत
- रोजगारपरक पाठ्यक्रम, लायब्रेरी का उन्नयन, सेमिनार और अन्य गतिविधियां
कमजोरी
- स्टाफ की कमी, भवन के रखरखाव में दिक्कत, रिसर्च में पीछे।
- प्लेसमेंट की स्थिति ठीक नहीं।
- स्मार्ट क्लासेस में पीछे
नैक ग्रेडिंग के प्रमुख पैमाने
- कुरिकुलर आस्पेक्ट्स
- टीचिंग, लर्निंग एंड इवेल्यूशन
- रिसर्च, इनोवेशन एंड एक्सटेंशन
- इंफ्रास्ट्रक्चर एंड लर्निंग रिसाेर्सेस
- स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोगरेशन
- गवर्नेंस, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट
- इंस्टीट्यूशनल वैल्यूज एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस