नेमावर नरसंहार में न्याय यात्रा शुरू:- सरकार से नाराज और परिवार में जिंदा बची ट्राइबल गर्ल बोली- दोषियों को फांसी पर लटकाना ही न्याय

देवास के नेमावर में आदिवासी नरसंहार में एक मात्र जिंदा बची बेटी भारती कास्डे ने सरकार को चैलेंज किया है। भारती ने शनिवार से नेमावर से न्याय यात्रा शुरू कर दी है। भारती ने कहा कि यह यात्रा 11 दिन बाद भोपाल पहुंचेगी। किसी भी सूरत में न्याय चाहिए। आरोपियों को फांसी दी जाए। बता दें, यात्रा शुरू करने से पहले सरकार ने मामले की CBI से जांच कराने की सिफारिश की थी।

न्याय यात्रा में भारती के साथ विधायक हीरालाल अलावा और सामाजिक संगठन से जुड़े कुछ कार्यकर्ता शामिल हैं। यह पद यात्रा हर दिन 15 किमी का सफर तय करेगी। 11 दिन बाद भोपाल के राजभवन पहुंचेगी। भारती का कहना है कि जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, यह यात्रा जारी रहेगी। हम आरोपियों फांसी पर लटकते देखना चाहते हैं। न्याय CBI जांच शुरू होने से नहीं हो जाता है।

हम अभी भोपाल तक यात्रा निकाल रहे हैं। हम 7 महीने से भटक रहे थे, तब तो सरकार ने CBI जांच के आदेश नहीं दिए। यात्रा निकालने का ऐलान किया, तो यह आदेश दे दिया गया। आगे किसी दलित परिवार के साथ ऐसा न हो, इसलिए भी हम यात्रा निकाल रहे हैं।

न्याय यात्रा से पहले भारती ने पूजा की।

5 लोगों की कर दी थी हत्या

नेमावर में रहने वाले भारती के परिवार के पांच सदस्य, जिसमें उसकी मां ममता बाई, तीन बहन रूपाली, पूजा, दिव्या और भाई पवन की जघन्य हत्या कर दी गई थी। यह परिवार 13 मई 2021 से लापता था। 29 जून 2021 को सभी के कंकाल नेमावर में खेत से JCB की मदद से करीब 10 फीट गहरा गड्डा खोदकर निकाले गए थे। इस हत्याकांड को रूपाली के प्रेमी सुरेंद्र राजपूत ने साथियों के साथ अंजाम दिया था। पुलिस ने सुरेंद्र राजपूत सहित 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी जेल में हैं।

न्याय यात्रा में ये गाड़ी भी मौजूद है, जिसमें परिवार के लिए न्याय की गुहार वाले पोस्ट लगे हैं।

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