सोया प्लांट को अब सोयाबीन के छिलके (हस्क) पर भी 5% जीएसटी देना होगा। अब तक प्लांट इस पर कोई टैक्स नहीं दे रहे थे। यह फैसला पूरे देश में एक साथ लागू होगा। जीएसटी मप्र की डबल एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने यह फैसला विदिशा स्थिति अदानी ग्रुप के सोया सॉल्वेंट एंड एक्सट्रेक्शन प्लांट के मामले में लिया है। अब तक सोया हस्क पोल्ट्री इंडस्ट्रीज को बिना टैक्स चुकाए ही बेचा जा रहा था।
मप्र में 40 सोया प्लांट हैं। डबल एडवांस रूलिंग अथॉरिटी पैनल में शामिल ज्वाइंट कमिश्नर मनोज कुमार चौबे और ज्वाइंट कमिश्नर वीरेंद्र कुमार जैन ने यह फैसला दिया। अदानी के प्लांट की ओर से पैरवी सीए एस कृष्णन ने की। एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने यह माना कि अब तक इसे पोल्ट्री या एनीमल फीड मानकर टैक्स मुक्त करके बेचा जा रहा था। लेकिन वास्तव में यह एक कच्चा माल है।
इसका उपयोग जानवरों का भोजन बनाने के लिए किया जाता है। जानकार कहते हैं कि हर प्लांट में हर साल हजारों टन हस्क निकलती है। इस पर टैक्स लगने से प्लांट का परिचालन व्यय बढ़ेगा। जानवरों के लिए तैयार होने वाले भोजन की लागत बढ़ेगी। इसका असर चिकन की कीमतें और दूध के दामों पर भी पड़ सकता है।