सोमवार से 15 से 18 साल के किशोर छात्र-छात्राओं का वेक्सीनेशन शुरू हो गया। उज्जैन में सुबह 9 बजे से ही टीका लगाना शुरू कर दिया गया था। सभी स्कूलों में टीका लगाने के लिए छात्र-छात्राओं में जबर्दस्त उत्साह था। टीकाकरण कर्मचारियों ने आधार नंबर वेरिफिकेशन के बाद टीका लगाया। स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की पूरे इंतजाम किये गए थे।
सबसे पहला टीका ज्ञान सागर एकेडमी की 12वीं की छात्रा लक्षिता गोलेचा को लगाया गया। इसके बाद टीकाकरण शुरू कर दिया गया। दोपहर एक बजे तक स्कूलों में सबसे ज्यादा भीड़ रही। सुबह 9 से दोपहर 4 बजे तक उज्जैन जिले में 25 हजार से अधिक बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। कई स्कूलों में दोपहर 1 बजे के बाद भी छात्र-छात्राओं की लाइन देखी गई। सभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
सभी पूरी तरह स्वस्थ –
स्कूलों में टीका लगाने के बाद बच्चों को 15 से 20 मिनट तक बैठकर इंतजार करने को कहा गया था। ताकि यह देख सकें कि उन्हें कोई तकलीफ तो नहीं हो रही है। जिले में टीका लगाने के बाद किसी भी बच्चे का स्वास्थ्य में गड़बड़ी होना सामने नहीं आया है।
जिले में 318 केंद्र –
आज से 15 से 18 वर्ष की उम्र के किशोरों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया जा रहा है। इसके लिए जिले के 318 केंद्रों का चयन किया गया है। इनमें शहर के 28 सरकारी और 97 निजी स्कूल हैं।
पहले दिन 30 हजार का टारगेट –
पहले दिन 30 हजार किशोरों को वैक्सी लगाने का टारगेट रखा गया है। जिले में इस उम्र के 1.4 लाख किशोर हैं। सभी बच्चों को कोवैक्सीन लगाया जाएगा। सभी के लिए ऑनलाइन बुकिंग के इंतजाम किये गए हैं। लेकिन जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. केसी परमार ने कहा कि जो बच्चे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए बगैर भी सेंटर पर पहुंचेंगे उनके लिए सेंटर पर हाथों हाथ रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
प्रत्येक साइट पर 150 से 200 किशोरों के स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था की गई है। वैक्सीनेशन के लिए रविवार को भी कई बच्चों ने स्लॉट बुकिंग कराई।
10 जनवरी से हेल्थ वर्कर व बुजुर्गों को तीसरा डोज –
आज से 15 से 18 वर्ष के किशोरों को वैक्सीन लगने के बाद 10 जनवरी से हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर व बुजुर्गों को तीसरा डोज भी लगेगा। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 15 से 18 वर्ष के 1.34 लाख किशोर, हेल्थ वर्कर 15 हजार, 2 लाख फ्रंटलाइन वर्कर और 1.92 लाख 60 साल से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। हालांकि बुजुर्गों को डॉक्टरों के परामर्श के बाद ही तीसरा डोज लेने की सलाह दी गई है।