ग्वालियर में डॉक्टरों की कमी से शुरू नहीं हो पा रही 570 बेड की यूनिट; सिविल अस्पताल में 100 बेड, लेकिन 30 ही चालू

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कोविड की तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन का तो इंतजाम कर लिया गया है पर डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी अभी भी बड़ी रुकावट बनी हुई है। इस वजह से कई जगह हाल ही में तैयार आईसीयू यूनिट और वार्ड चालू ही नहीं हो पा रहे हैं।

ग्वालियर- सिविल अस्पताल में 100 बेड का इंतजाम पर डॉक्टर न होने से सिर्फ 30 ही चालू

पहली लहर में सरकारी और निजी अस्पतालों में मिलाकर 300 ऑक्सीजन और 157 आईसीयू बेड थे। दूसरी लहर में 938 लोगों की मौत हुई तो ऑक्सीजन के बेड बढ़ाकर 830 और आईसीयू के 359 बेड मिलाकर 1189 बेड तैयार कर दिए गए। अब स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी और निजी अस्पतालों में 6200 बेड का इंतजाम किया है। इसमें से 5189 ऑक्सीजन व 1011 आईसीयू बेड हैं।

सभी सरकारी अस्पतालों में 13 ऑक्सीजन प्लांट लग गए हैं, जो पहले तीन ही थे। लेकिन दूसरा पहलू यह है कि 1000 बिस्तर के निर्माणाधीन अस्पताल में 570 बेड का सी-ब्लॉक लगभग तैयार है। इसे संचालित करने डॉक्टर नहीं हैं। जीआरएमसी प्रबंधन ने शासन ने 225 डॉक्टर, 530 नर्सिंग स्टाफ, 100 टेक्नीशियन तथा 450 अन्य वर्कर मांगे हैं।

जिला अस्पताल मुरार के जच्चाखाने में 10 पलंग का पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार है लेकिन स्टाफ नहीं है। इसे शुरू करने के लिए सिविल सर्जन डॉ. आरके शर्मा ने 4 डॉक्टर व स्टाफ की डिमांड का प्रस्ताव शासन को भेजा है। सिविल अस्पताल हजीरा में 100 बिस्तर का इंतजाम तो हो गया पर स्टाफ की कमी के चलते सिर्फ 30 बेड ही चालू हैं। सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि स्टाफ की भर्ती के लिए फिर से पत्र लिखेंगे।

उज्जैन- 125 डॉक्टरों की जरूरत, 37 ही पदस्थ

कोविड अस्पताल माधवनगर में 206 ऑक्सीजन बेड और चरक अस्पताल में 165 बेड का इंतजाम किया गया है। दोनों जगह ऑक्सीजन प्लांट भी है। तहसीलों में 100-100 ऑक्सीजन बेड का इंतजाम किया है। प्रशासन ने आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 90 बेड का डेडिकेटेड शिशु रोग विभाग तैयार करवाया है।

चरक अस्पताल में भी 40 बेड का वार्ड बच्चों के लिए प्रस्तावित है। लेकिन स्टाफ की कमी यहां भी बड़ी समस्या है। जिला अस्पताल में 125 डॉक्टर्स की आवश्यकता है। वर्तमान में 37 डॉक्टर ही पदस्थ हैं। करीब 17-18 एम्बुलेंस की आवश्यकता है। लेकिन 7 एम्बुलेंस ही हैं।

प्रदेश का हाल

विदिशा- मेडिकल कालेज में 28 डाक्टरों की भर्ती की है। मेलों पर प्रतिबंध। मेडिकल कालेज में 100 और जिला अस्पताल में 25 बेड का आईसीयू।
खरगोन- महाराष्ट्र, बार्डर के पास होने से संवेदनशील। पिछले साल 351 लोगों की मौत हुई। अभी जिला अस्पताल में 250 बेड कोविड के लिए हैं।
मुरैना- जिला अस्पताल में 400 बेड उपलब्ध कराने का प्रयास लेकिन पलंग, गद्दे नहीं मिलने से 300 बेड पर सामान्य मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है।

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