राजधानी के स्टेशन बजरिया थाना क्षेत्र स्थित शंकराचार्य नगर में रहने वाले सूर्यांश पुत्र योगेश ओझा (11) ने बुधवार दोपहर घर में फांसी लगा ली।
वह सेंट जेवियर स्कूल में कक्षा पांचवीं का छात्र था। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन जांच में पता चला कि सूर्यांश को फ्री फायर गेम खेलने की आदत थी। इस वजह से परिवार के लोग अक्सर उसे डपट देते थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
स्टेशन बजरिया थाने के एसआइ कमलेश रायकवार ने बताया कि योगेश ओझा शंकराचार्य नगर में संयुक्त परिवार में अपने तीन मंजिल मकान में रहते हैं। उनकी बागसेवनिया में चश्मे की दुकान है। उनके दो बच्चों में सूर्यांश बड़ा बेटा था, जबकि एक तीन साल की छोटी बेटी है। बुधवार दोपहर में सूर्यांश अपने चचेरे भाई आयुष (21) के साथ दूसरी मंजिल के कमरे में टीवी पर फिल्म देख रहा था। दोपहर करीब दो बजे आयुष किसी काम से नीचे के कमरे में चला गया। दोपहर करीब तीन बजे सूर्यांश की दादी और चाची धूप सेंकने के लिए छत पर पहुंची। वहां उन्होंने सूर्यांश को फांसी पर लटके देखा तो शोर मचाया। स्वजन उसे फंदे से उतारकर पहले शाकिर अली अस्पताल ले गए। इसके बाद उसे एलबीएस अस्पताल ले जाया गया। वहां चेक करने के बाद डाक्टर ने सूर्यांश को मृत घोषित कर दिया।
बाक्सिंग बैग बांधने के लिए बांधी रस्सी से लगाई फांसी
सूर्यांश को मुक्केबाजी का शौक था। इसके लिए पिता ने उसे पंचिंग बैग लाकर दिया था। पहले उसने बैग छत की रैलिंग से बांधा था, लेकिन ऊंचाई कम होने से उसे पंच मारने में दिक्कत होती थी। इसलिए उसने पंचिंग बैग बांधने के लिए छत पर लगे पाइप से रस्सी बांध रखी थी। उसी रस्सी से फंदा लगाकर सूर्यांश ने खुदकुशी कर ली।
स्वजन को देखकर तुरंत गेम डिलीट कर देता था
एसआइ रायकवार ने बताया कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। स्वजन ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि सूर्यांश अपने दादा के मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने का आदी था। इस बात का चलने पर उसे फटकार लगाई जाती थी। इसके बाद सूर्यांश मौका मिलते ही मोबाइल में फ्री फायर गेम डाउनलोड कर लेता था। जब भी परिवार का कोई सदस्य उसके पास पहुंचता था, तो तुरंत गेम डिलीट कर देता था। संभवत: गेम की लत के कारण उसने इस तरह का कदम उठा लिया।