15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण की गति धीमी कलेक्टर हुए नाराज

  • जिला क्राइसिस मैनेजमेंट समिति की बैठक में टीकाकरण की गति बढ़ाने के निर्देश
  • बच्चों के टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिये योजना बनायें : मंत्री डॉ.यादव

जिला क्राइसिस मैनेजमेंट समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें जिले के सभी विकास खण्ड के एसडीएम के साथ उज्जैन में 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण तथा प्रीकॉशन डोज और नियमित कोविड टीकाकरण की समीक्षा की गई। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने बैठक में कहा कि 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिये विधिवत प्लान बनाया जाये। स्कूलों में कंट्रोल रूम खोले जायें। समय-सीमा का विशेष ध्यान रखा जाये। सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान विकास खण्ड स्तर और पंचायत स्तर पर जो समितियां बनी थी, उनका पुनर्निर्माण कर लिया जाये। विधायक पारस जैन ने कहा कि जो लोग कोरोना की जांच प्रायवेट अस्पतालों में करवा रहे हैं, उनके पॉजिटिव आने पर सूचना तुरन्त प्रशासन को प्रदान की जाये। कोरोना से मिलते-जुलते जरा-से भी लक्षण जैसे सर्दी, जुकाम, बुखार हो तो तुरन्त जांच करवायें। बैठक में 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण की धीमी गति पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की और टीकाकरण की गति युद्धस्तर पर बढ़ाने के निर्देश दिये।

कलेक्टर ने कहा कि उज्जैन शहर और बडऩगर तहसील को छोड़कर बाकी तहसीलों में 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण में अपेक्षा अनुरूप कार्य नहीं हुआ है। अधिकारी इस ओर विशेष ध्यान दें। यदि अधीनस्थ अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। इसे व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानकर पूरा करें। कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में कॉल सेन्टर बनाये जायें। 15 जनवरी तक शत-प्रतिशत टीके बच्चों को लग जाना चाहिये और सभी स्कूलों से शत-प्रतिशत टीकाकरण के प्रमाण-पत्र आ जाने चाहिये। 15 जनवरी को टीकाकरण महाअभियान है। साथ ही जो बच्चे किसी विशेष कारण से टीकाकरण से छूट रहे हैं, उनकी भी जानकारी स्कूलों को देनी होगी। मोबाइल टीम बनाई जाये। जो भी बच्चे टीकाकरण से शेष रह गये हैं, उन्हें फोन लगाकर टीके के लिये बुलवायें। ऐसे बच्चे जो ड्रॉपआउट हैं, उनके लिये रविवार 16 जनवरी को कैम्प लगाकर टीकाकरण किया जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कैम्प लगाकर ऐसे बच्चों का टीकाकरण किया जाये, जो नियमित स्कूल नहीं जाते हैं लेकिन 15 से 18 वर्ष के हैं। जो बच्चे टीका लगवाना नहीं चाह रहे हैं, उनके माता-पिता को समझायें। कलेक्टर ने कहा कि 15 से 18 वर्ष के कुछ बच्चे कक्षा 8वी अथवा ग्रेजुएशन स्तर पर भी हो सकते हैं। उनकी सूची बनाकर टीकाकरण किया जाये।

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