30 हजार बेकार बोतलों से कोरोना वायरस, पुराने टायरों से वैक्सीन और गाड़ियों के पुराने पार्ट्स से बनाई सिरिंज

कबाड़ से जुगाड़ की तर्ज पर इस बार शहर में कोरोना वायरस को लेकर की जा रहीं कवायदों को दिखाने का प्रयास किया है। स्क्रैप आर्टिस्ट पवन देशपांडे और देवेंद्र शाक्य ने फर्म आर. वन आईएनसी के माध्यम से ना सिर्फ कोरोना वायरस, बल्कि वैक्सीन, सिरिंज और मास्क बनाए हैं। 8 से 18 फीट के अलग-अलग साइज में तैयार ये सामान पूरी तरह कबाड़ से बनाया है। नगर निगम की ओर से इन्हें बोट क्लब पर लगाने की योजना है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 26 जनवरी से पहले ये यहां लगा देंगे।

टॉयलेट के दरवाजों से मास्क

  • कोरोना वायरस : 18 फीट लंबाई और चौड़ाई वाली प्रतिकृति को 30 हजार वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से बनाया गया है। इसमें वेस्ट लैंप, गाड़ियों के पुर्जे भी उपयोग किए गए हैं।
  • कोविड वैक्सीन : 10 फीट लंबाई की इस वैक्सीन के निर्माण में 4 पहिया वाहन के 10 पुराने टायर, चार पहिया वाहन की दो रिम, पुराने शटरों के टुकड़ों का उपयोग किया गया है।
  • सीरिंज : 18 फीट लंबाई वाली इस सिरिंज में पुराने गर्डर, गाड़ियाें की रिम, जाली के अलावा वेस्ट प्लास्टिक का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा पुराने पाइप, दो पहिया और चार पहिया वाहनों से निकले छोटे-छोटे पार्ट्स का भी उपयोग किया गया है।
  • मास्क : 8 फीट लंबे और 4 फीट चौड़ाई वाले इस मास्क के निर्माण में लोहे की चादर से बने 4 पुराने दरवाजों से निकली हुई शीट के अलावा पुराने पाइप का उपयोग किया गया।

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