उज्जैन की मोक्षदायिनी शिप्रा में गुरुवार को बड़ा हादसा टल गया। नदी में जल सत्याग्रह के लिए उतरीं प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष नूरी खान अचानक डूबने लगीं। वो नदी के तेज बहाव के साथ बह रही थीं। जिसके बाद समर्थकों ने उन्हें नदी में कूदकर बचाया। वे तैरकर गए और बाहर निकाल लाए। नूरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उज्जैन में शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर सियासत शुरू हो गई है। अब तक नदी के शुद्धिकरण को लेकर साधु-संत धरना दे रहे थे। हालांकि सरकार के आश्वासन पर उन्होंने धरना व उपवास स्थगित कर दिया था। जिसके बाद प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष नूरी खान ने इस मुद्दे को लपकते हुए जल सत्याग्रह करने की घोषणा की। गुरुवार को वे शिप्रा नदी के दत्त अखाड़ा क्षेत्र में नदी में 4 फीट गहरे पानी में उतरकर सत्याग्रह करने पहुंच गईं। इसी दौरान ये घटना हो गई।
अचानक डूबने लगीं
गुरुवार सुबह करीब 10 बजे नूरी जल सत्याग्रह के लिए पानी में उतरी थीं। कुछ ही देर बाद वे नदी के धार के साथ बहने लगीं और डूबने लगीं। जिसके बाद वहां मौजूद समर्थकों ने कूदकर बचाया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया है।
जल सत्याग्रह से पहले कहा था- मुझे कुछ हुआ तो सरकार की जिम्मेदारी
नूरी के साथ करीब 10 महिला भी समर्थन में घाट पर बैठी हैं। नूरी ने कहा जल सत्यागृह के दौरान मुझे कुछ होता है या मेरी मृत्यु होती है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार और जिला प्रशासन की होगी। यदि मुझे गिरफ्तार किया जाता है तो मैं जेल में आंदोलन करूंगी। उन्होंने 600 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया।
नूरी ने कहा कलेक्टर जब आकर स्पष्ट नहीं कर देते कि शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर क्या ठोस कार्रवाई कर रहे हैं तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा। नूरी इससे पहले भी वर्ष 2017 व 2019 में प्रदर्शन कर चुकी है।