प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जयश्री गायत्री फूड फैक्ट्री के खिलाफ लिया एक्शन उत्पादन बंद करने के आदेश

सीहोर के ग्राम पिपालियामीरा में स्थित जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बंद करने के आदेश दिए हैं। फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी के चलते बोर्ड ने उत्पादन बंद करने के आदेश दिए।

दरअसल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फैक्ट्री प्रबंधन को दूषित पानी के लिए प्रबंधन और उपचार परिसर के बाहर फिल्टर प्लांट लगाने के लिए लगातार पांच नोटिस जारी किया, लेकिन फैक्ट्री संचालक ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। फैक्ट्री में उत्पादन की वैधता दो साल पहले ही खत्म हो चुकी थी।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश में उल्लेख किया गया है कि जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स अधिनियम 1974, 1981 के तहत मिल्क आधारित उत्पादन निर्माण के लिए सशर्त सहमति दी गई थी। जिसकी वैधता 31 मई 2019 तक थी। फैक्ट्री को दिए गए जल सम्मति पत्र में सशर्त उल्लेख किया गया था कि दूषित जल प्रदूषण नियंत्रण के निर्देशों का पालन कराएंगे। दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना और उसका संचालन संधारण कर दूषित जल को फिल्टर प्लांट लगाकर उसे साफ करने के निर्देश दिए थे। लेकिन जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने फैक्ट्री का निरीक्षण किया तो पाया कि दिए गए निर्देशों का फैक्ट्री प्रबंधन ने पालन नहीं किया है। वहीं दूषित पानी को परिसर के बाहर नाले में छोड़ा जा रहा है। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल प्रदूषण निवारण नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 35 के तहत जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री को बंद करने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि फैक्ट्री से निकलने वाले पानी से सीवन नदी और एक नाले का पानी प्रदूषित हो रहा था। इस दूषित पानी से किसानों की फसलें खराब हो रही हैं। साथ ही जलीय जीवों की भी मौत हो रही है। ग्रामीणों ने भी फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी को लेकर विरोध किया था, जिसके बाद एसडीएम ब्रजेश सक्सेना ने नायब तहसीलदार शैफाली जैन के साथ एक जांच दल को फैक्ट्री से निकले वाले दूषित पानी की जांच के लिए भेजा था। तहसीलदार और उनकी टीम ने प्राथामिक रिपोर्ट में फैक्ट्री से निकलने वाले पानी से नाले का पानी दूषित होना पाया था। नायब तहसीलदार ने जो जांच प्रतिवेदन एसडीएम को सौंपा था, जिसकी जांच जारी है।

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