मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज देवास जिले के ग्राम चिड़ावद में महिला स्व सहायता समूहों को बांस रोपण के द्वारा आर्थिक उन्नयन एवं सीएम राइज स्कूल के भूमिपूजन पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए और 12 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सीएम राइज स्कूल का भूमि पूजन किया।
इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता ठीक नहीं हुई तो पढ़ाई बेकार हो जाती है। इसलिए इस साल से हम सीएम राइज स्कूल शुरु कर रहे हैं। इसमें लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, आधुनिक स्मार्ट क्लास होगी। आसपास के बच्चे भी स्कूल बसों से आएंगे। 16 करोड़ की लागत से बनने वाले इस स्कूल के बच्चे किसी प्राइवेट स्कूल के बच्चों से कम नहीं होंगे। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता उत्तम होगी।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना मैंने 2006 में शुरु की थी और उस समय बेटियों को गोद में खिलाकर लाड़ली लक्ष्मी के प्रमाण पत्र सौंपे थे। आज वह बेटियां 11वीं, 12वीं और कुछ कॉलेज में हैं, इनको देखता हूं तो मेरा मन संतोष से भर जाता है। मेरे मन में विचार आया कि जब बेटियां पैदा हों तो वह लखपति पैदा हों। उसमें से योजना निकलकर आई लाड़ली लक्ष्मी योजना। हमने तय किया कि बेटी के जन्म के समय 30 हजार रुपये के बचत पत्र माता-पिता के हाथ में देंगे। आज मुझे खुशी है कि प्रदेश में 40 लाख लाड़ली बेटियां मध्यप्रदेश की धरती पर हैं।
महिला स्व सहायता समूहों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि हमें बहनों की जिंदगी बदलनी हैं। इसके लिए कई तरह के कार्य करने पड़ेंगे। इनमें एक काम है स्व-सहायता समूह बनाकर गरीब व मध्यम वर्ग परिवार की बहनों को सशक्त करना। अभी हमने बहनों को स्कूल की ड्रेस बनाने का 5.40 करोड़ रुपये का कार्य सौंपा। जिससे एक साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हुई। फसलों के विविधीकरण की ओर हमें सोचना पड़ेगा। अगर गेहूं की खेती थोड़ी कम करके दूसरी फसलों को बढ़ाएं। बांस एक अच्छा विकल्प है। यह बंजर भूमि में भी हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डेढ़ लाख रुपया प्रति एकड़ आमदनी हो सकती है। कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना के साथ अब हमें जीने की आदत डालनी होगी। मास्क लगाइये, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कीजिये और टीका नहीं लगवाया है, तो अवश्य लगवाइये। सभी स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन भी कीजिए।