सप्त सागर के प्रदूषित होने से संत नाराज:- शिप्रा के बाद अब सप्त सागर की शुद्धि के लिए रामधुन गा रहे संत, धरने पर बैठे

शिप्रा नदी के प्रदूषित होने के मुद्दे के बाद अब रामदल के संतों ने सप्त सागर को बचाने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। शुक्रवार से रामदल के करीब 20 से अधिक संतों ने सप्त सागर के लिए गोवर्धन सागर पर मंच लगाकर प्रदर्शन किया। इस दौरान झांज मंजीरे बजाकर रामधुन गाते हुए शहर के प्रमुख सप्त सागर के प्रदूषित होने का मुद्दा उठाया।

संतों ने कहा कि हमारे दल ने सभी सप्त सागर का दौरा किया था। दो को छोड़कर सभी की हालत बहुत ज्यादा खराब है। जिसमें सबसे ज्यादा गोवर्धन सागर में मिटटी पौधे और कचरे के कारण इतना प्रदूषण है कि सागर नजर ही नहीं आता।

इसी तरह रतन सागर की हालत भी अच्छी नहीं है। धरने पर बैठे रामादल के प्रमुख रामेश्वर दास और ज्ञानदास महाराज ने बताया कि शहर के सप्त सागरों में महिला बड़ी संख्या में अधिकमास के महीने में पूजन करने जाती हैं। इसका अपना पौराणिक महत्व है लेकिन आज सप्त सागर की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है।

सभी संत चाहते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द सप्त सागर की सफाई के लिए प्लान तैयार करे। जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलता तब तक रोजाना संत 12 से 3 बजे तक गोवर्धन सागर पर धरने पर बैठेंगे।

जमीन पर अतिक्रमण

शहर के पौराणिक सप्त सागरों के विकास के लिए सर्वे का काम एक वर्ष पूर्व उज्जैन कलेक्टर ने करवाया था। जिसमें सभी की जमीन पर अतिक्रमण पाया गया। सभी सरोवरों की जमीन का सीमांकन करने की जरूरत देखते हुए कलेक्टर ने राजस्व विभाग के माध्यम से सभी सरोवरों की जमीन की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles