जिले में एक और मरीज की मौत हो गई। मरीज को घबराहट होने पर फ्रीगंज के प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया था। उनका कोविड टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। शुक्रवार को ही 62 साल के मरीज की मौत हुई थी, उसके बाद लगातार यह दूसरी मौत है। कोरोना की तीसरी लहर में नया वैरिएंट घातक होने लगा है। इसका ज्यादा असर बुजुर्ग व बीपी, शुगर, हार्ट के मरीजों पर हो रहा है। पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोग संक्रमित होने पर गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं और उनकी मौत भी हो रही है।
तीसरी लहर में दो मरीजों की मौत हो चुकी है तथा एक सस्पेक्टेड मौत हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अब तक दो मौत रिकॉर्ड में दर्ज की है। पहली दर्ज मौत के मामले में जानकारी सामने आई है कि मरीज का आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पूर्व से इलाज चल रहा था। उनका कोविड टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। उसके बाद उनकी मौत हो गई। दूसरी तरफ उज्जैन में संक्रमित मरीजों की संख्या दोगुनी होती जा रही है। एक दिन में 200 से ज्यादा मरीज पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
आरआर टीम के नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एलची ने बताया 97 साल के बुजुर्ग को घबराहट होने पर परिवार के लोग शनिवार को प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां उनकी कोरोना जांच करवाई गई तो पॉजिटिव पाए गए। कोविड प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज किया जा रहा था कि इसी दौरान उनकी मौत हो गई। इसके साथ ही उज्जैन में मरने वालों की संख्या 173 हो गई है।
उन्होंने बताया कि बदलते मौसम और कोल्ड वायरस के सक्रिय रहने से लोग बीमार हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्ग या पूर्व से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के संक्रमित पाए जाने पर ज्यादा खतरा बना रहता है। ऐसे में लोगों को अवेयर रहना होगा। बीमार लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
पुरानी बीमारी के इलाज से पहले कोविड टेस्ट करवाया तो संक्रमित
तीसरी लहर में ऐसे मरीज ज्यादा पाए जा रहे हैं, जिन्हें कोई लक्षण नहीं है। मरीज अपनी प पुरानी बीमारी का इलाज करवाने के लिए अस्पताल जा रहे हैं और इलाज से पहले उनका कोविड टेस्ट करवाया जा रहा है तो संक्रमित पाए जा रहे हैं। यह और गंभीर स्थिति है। क्योंकि लक्षण नहीं होने से लोग कोविड टेस्ट नहीं करवा रहे हैं और दूसरे लोेगों को भी संक्रमित कर रहे हैं।
संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉ. सोनानिया बता रहे उपाय
बेचैनी या घबराहट होने लगे तो फौरन अस्पताल पहुंचे
कोरोना की तीसरी लहर में 1676 संक्रमित होम आइसोलेट है ऐसे में परिवार का सवाल है कि कब तय किया जाए कि मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाए। 21 माह से संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉ. एचपी सोनानिया का कहना है कि बगैर लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेट किया जा रहा है। बीपी, शुगर या हार्ट व कैंसर के मरीजों के संक्रमित होने पर उन्हें होम आइसोलेट किया हैं तो ऐसे मरीजों को लेकर लगातार चिकित्सकीय परामर्श की आवश्यकता होती है। ऐसे मरीजों को घर की बजाए हॉस्पिटल में भर्ती करने की ज्यादा आवश्यकता होती है।
बीमार होने पर टेस्ट करवा सकते
कोविड के नए लक्षण भी पाए जा रहे हैं। ऐसे में तबीयत खराब होने की स्थिति में लोग कोविड टेस्ट भी करवा लें ताकि संशय की स्थिति नहीं रहे और मरीज संक्रमित पाया जाता है तो उसे समय पर इलाज मिल सके। इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है।
यह लक्षण दिखने पर रिस्क नहीं लें
मरीज को लगातार तेज बुखार है या सांस लेने में तकलीफ हो रही है या ऑक्सीजन सेचुरेशन कम होने लगा है तथा मरीज में बेचैनी-घबराहट होने लगे एवं न्यूरोलॉजिकल डिस्टरबेंस होने लगे, जिसमें सिर में बहुत तेज दर्ज हो रहा है तो मरीज को हॉस्पिटल लेकर जाएं।