पीएचडी करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय डाक्टोरल एंट्रेंस टेस्ट (डीईटी) करवाने जा रहा है। इसके लिए अगले सप्ताह से पंजीयन प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।
इसके लिए परीक्षार्थियों को 45 दिन में आवेदन जमा करने होंगे। इस बीच विश्वविद्यालय को गाइड की खाली सीटों की भी जानकारी जारी करनी है। अधिकारियों के अनुसार दो साल से प्रवेश परीक्षा नहीं हुई है। करीब 800 पीएचडी सीटें खाली पड़ी हैं। इसमें वाणिज्य और प्रबंधन की सबसे ज्यादा सीटें हैं।
दिसंबर 2019 के बाद अब विश्वविद्यालय डीईटी की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। नवंबर में विश्वविद्यालय ने 32 विषयों की 800 सीटों की जानकारी पोर्टल पर डाली थी, लेकिन गाइड की संख्या अभी नहीं बताई गई है। इससे आवेदन बुलाने में विश्वविद्यालय को समय लग रहा है। सूत्रों के अनुसार विा्वविद्यालय ने दो बार पंजीयन की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की, लेकिन विभागों से पीएचडी गाइड को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। इसलिए विश्वविद्यालय को प्रक्रिया आगे बढ़ानी पड़ी। एक बार फिर विभागों से पीएचडी गाइड के बारे में जानकारी मांगी है। 25 जनवरी तक डाटा मांगा है। प्रभारी कुलसचिव अनिल शर्मा का कहना है कि 26 जनवरी के बाद पीएचडी में प्रवेश परीक्षा डीईटी का विज्ञापन जारी किया जाएगा। उसके बाद पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होगी।
आफलाइन होगी परीक्षा – आवेदन मंगवाने के लिए विश्वविद्यालय करीब 45 दिन का समय देगा। इस बीच कोरोना मामलों में भी कमी आने की उम्मीद है। उसके बाद डीईटी परीक्षा की तारीख घोषित होगी। वैसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने आफलाइन परीक्षा करवाना तय किया है। अधिकारियों का कहना है कि पीएचडी में परीक्षार्थियों की संख्या अधिक नहीं रहती है। आनलाइन परीक्षा करवाना संभव नहीं है। इसलिए प्रत्येक विभाग को केंद्र बनाया जाएगा। जहां शारीरिक दूरी रखते हुए परीक्षा करवाई जाएगी।
ये है सीटों की स्थिति
– जंतु शास्त्र : 81
– प्रबंधन : 221
– वाणिज्य : 209
– रसायनशास्त्र : 10
– राजनीतिक शास्त्र : 12
– भौतिकशास्त्र : 50
– औषधि विज्ञान : 11
– गणित : 10
– जीवन विज्ञान : 14
– विधि : 8