शहर के व्यस्त चौराहों में से एक खजराना चौराहे पर 60 करोड़ रुपये की लागत से सेतु (ब्रिज) बनाया जाएगा। यह शहर का पहला सेतु होगा, जो घुमावदार होगा।
रिंग रोड पर मेट्रो के कारण इसकी आकृति शहर के अन्य फ्लाईओवर से अलग होगी। सेतु का फिजिबिलिटी सर्वे हो चुका है और मिट्टी परीक्षण भी इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) ने करा लिया है।
27 जनवरी को होने वाली आइडीए बोर्ड की बैठक में सेतु निर्माण को स्वीकृति मिलने के आसार हैं। यह फ्लाईओवर अंडाकार होगा। सेतु के सिरे पर तो सभी लेन जुड़ी रहेंगी, लेकिन चौराहे पर घुमाव के बाद सेतु की लेन ग्रीन बेल्ट के ऊपरी भाग से गुजरेगी, ताकि मध्य हिस्से में मेट्रो का ट्रैक बन सके। एमआर-9 जंक्शन से पहले सेतु की भुजाएं फिर जुड़ जाएंगी। आइडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा के अनुसार सेतु की सर्वे रिपोर्ट आ चुकी है। बोर्ड बैठक में सेतु निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है।
चौराहे पर रहता है ट्रैफिक का दबाव : खजराना चौराहे पर ट्रैफिक का सबसे ज्यादा दबाव रहता है। इससे कई बार जाम की स्थिति बनती है। सेतु के बनने से चौराहे का यातायात व्यवस्थित होगा।
बाधक निर्माण नहीं हटाने पड़ेंगे – खजराना चौराहे पर सेतु के लिए पर्याप्त चौड़ाई है और कोई बाधक निर्माण भी हटाने नहीं पड़ेंगे। मोटर व्हीकल लेन सेतु के मध्य हिस्से में घुमावदार होगी। जंक्शन पर सड़क के यातायात के लिए पर्याप्त जगह रहेगी। मेट्रो के लिए चौराहे पर तैयार लेन की तुलना में सेतु की ऊंचाई कम होगी।
रिंग रोड पर चौथा फ्लाईओवर – रिंग रोड पर चौथा फ्लाईओवर खजराना चौराहे पर आकार लेगा। सबसे पहले तीन इमली पर फ्लाईओवर लोक निर्माण विभाग ने बनाया था। इसके बाद पीपल्याहाना जंक्शन पर सेतु बना। बंगाली कालोनी सेतु का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और अब खजराना सेतु बनेगा। रेडिसन चौराहा जंक्शन पर सेतु बना। बंगाली कालोनी सेतु का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और अब खजराना सेतु बनेगा। रेडिसन चौराहे पर भी सेतु बनना प्रस्तावित है।