उज्जैन । कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने आज समय-सीमा के पत्रों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय एवं अन्य विभागों में लेवल-1 पर शिकायतों को अटेंड नहीं किया जाता है। ऐसी स्थिति भविष्य में पाये जाने पर एल-1 अधिकारी का एक दिन का वेतन काटा जायेगा। कलेक्टर ने साथ ही कहा कि अतिक्रमण हटाने सम्बन्धी शिकायतों का निराकरण राजस्व विभाग को अनिवार्य रूप से करना है। इस प्रकार की शिकायत पंचायत एवं ग्रामीण विकास में अन्तरित न की जाये। उन्होंने साथ ही निर्देश दिये कि संतुष्टिपूर्वक निराकरण का प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया जाये। बैठक में जिला पंचायत सीईओ सुश्री अंकिता धाकरे एवं जिले के विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर ने जनपद पंचायत के सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे प्राप्त होने वाली शिकायतों में शिकायतकर्ताओं से बात करें, जिससे संतुष्टिपूर्वक शिकायतों का निराकरण किया जा सके। कलेक्टर ने नगरीय निकाय में पेंडिंग शिकायतों पर असंतोष व्यक्त करते हुए इनका निराकरण करने के निर्देश दिये हैं।
टीएल बैठक में कलेक्टर ने निम्नानुसार अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये :-
• जिले में सभी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों का आगामी एक सप्ताह में औचक निरीक्षण किया जाना है। इसके लिये जिले के सभी अधिकारियों एवं जनपद स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जायेगी। वे फिल्ड में जाकर प्रत्येक दुकान में राशन लेने वाले हितग्राहियों से बात करेंगे तथा इसकी पड़ताल करेंगे कि दुकान समय पर खुल रही है या नहीं एवं राशन समय पर दिया जा रहा है अथवा नहीं।
• जल जीवन मिशन के तहत जिले में 134 योजनाएं पूर्णता की ओर हैं तथा इनका हैंडओवर पंचायत एवं ग्रामीण विकास में सरपंचों को किया जाना है। कलेक्टर ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं इंजीनियरों के माध्यम से उक्त सभी योजनाओं को हैंडओवर के पूर्व शत-प्रतिशत निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं।
• कलेक्टर ने आयुष्मान कार्ड बनाने की गति तेज करने के निर्देश देते हुए कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सहायकों को इस कार्य में लगाया जाये।
• पशुपालन विभाग को पशुपालन व मत्स्य विभाग के केसीसी के कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिये हैं।
• कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को कहा है कि वे मुख्यमंत्री भू आवासीय योजना के तहत प्रत्येक गांव में शिविर लगाकर आवासीय पट्टे वितरित करें।