इंदौर के दुल्हा-दुल्हन ने उज्जैन में दिव्यांग बच्चों के साथ डेस्टीनेशन वेडिंग प्लान किया। बच्चों ने भी अपने हाथ से बने गिफ्ट उन्हें दिये। यह देख वहां मौजूद हरेक मेहमान की आंखें छलक गईं।
अपनी शादी में दूल्हा दुल्हन ने 50 से अधिक दिव्यांग और निशक्त बच्चों को बुलाकर न सिर्फ उनके साथ फोटो खिंचवाई बल्कि मस्ती भी की। रिटर्न गिफ्ट में इन बच्चों को टॉफी खरीदने के लिए 5500 रुपए भी दिए। विवाह समारोह में मौजूद मेहमान भी अपने बीच दिव्यांग बच्चों को देखकर बेहद खुश नजर आए। यह अनोखा और सामाजिक संदेश देने वाला विवाह शहर की एक होटल में 25 जनवरी को देर रात संपन्न हुआ।
इंदौर के व्यवसाई कमलेश अग्रवाल के बेटे अमन और इंदौर के ही व्यवसाई घनश्याम मेडतवाल की बेटी अवनी की शादी, उज्जैन की एक स्थानीय होटल में हुई। दोनों परिवारों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सिर्फ 50 मेहमानों को ही आमंत्रित किया। दूल्हा-दुल्हन और उनके अभिभावकों ने जितने मेहमान उतने ही दिव्यांग बच्चों को आमंत्रित किया।
इसके लिए उन्होंने अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम जाकर विवाह का आमंत्रण दिया। सेवाधाम आश्रम से विवाह समारोह में पहुंचे 50 बच्चों और कुछ बुजुर्ग पहुंचे। दूल्हा दुल्हन के पिता और रिश्तेदारों ने अपने हाथों से उन्हें भोजन परोसा।
विवाह समारोह में दूल्हे के दादा और इंदौर के जाने-माने चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि अपने जीवन में सैकड़ों विवाह में शामिल हुआ लेकिन विवाह के रिसेप्शन में इस तरह का दृश्य उन्होंने पहली बार देखा।
दुल्हन अवनी ने कहा उसे बहुत अच्छा लगा। दूल्हे अमन ने कहा कि सेवाधाम आश्रम के बच्चों के साथ इंजॉय किया और यह आश्वासन दिया कि इन बच्चों से आगे भी मिलता रहूंगा।
इन बच्चों को लेकर सपरिवार पहुंचे सेवाधाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल ने कहां की यह गौरव की बात है कि विवाह समारोह में दिव्यांग बच्चों को भी बुलाया गया, इन्हें अपनी खुशियों में शामिल किया और समाज को एक अच्छा संदेश भी दिया।