उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से 3 दिन का बच्चा गायब

आगर रोड स्थित आरडी गार्डी मेडिकल कालेज से रविवार तड़के तीन दिन पूर्व जन्मा शिशु गायब हो गया। पुलिस ने फिलहाल प्रसूता के माता-पिता को पूछताछ के लिए थाने पर बैठाया है।

टीआइ जितेंद्र भास्कर ने बताया कि देवास के बागली थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी के साथ उसके एक रिश्तेदार ने दुष्कर्म किया था। मामले में आरोपित जेल में बंद है। नाबालिग अपने माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती थी।

इस कारण देवास कोर्ट के आदेश से गर्भवती नाबालिग को उज्जैन में देवास रोड स्थित लालपुर में बने बालिका सुधार गृह में चार माह पूर्व भेजा गया था। नाबालिग ने 27 जनवरी को सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर एक शिशु को जन्म दिया था। प्रसूता से मिलने के लिए उसे माता-पिता भी उज्जैन आए थे।

मेडिकल कालेज में प्रसूता के साथ उसकी देखरेख के लिए बालिका सुधार गृह की केयर टेकर राधिका बर्मन भी साथ में थी। रविवार तड़के करीब चार बजे प्रसूता अपने बालक को दूध पिलाने के लिए उठी तो बालक गायब था। इसके बाद उसने राधिका व अस्पताल की नर्सों को इसकी जानकारी दी। बालक के नहीं मिलने पर चिमनगंज पुलिस को बालक के चोरी होने की सूचना दी गई।

प्रसूता के माता-पिता पर शंका

टीआइ भास्कर का कहना है कि नाबालिग अपने माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती थी। इस कारण उसे बालिका सुधार गृह में चार माह पूर्व भेजा गया था। बावजूद इसके नाबालिग के माता-पिता उसकी डिलवेरी होने पर क्यों आए थे। शंका के आधार पर दोनों को थाने पर पूछताछ के बैठाया गया है।

छत से लेकर अस्पताल परिसर में ढूंढा

बच्चा चोरी होने की जानकारी मिलने के बाद टीआइ भास्कर सहित पुलिस बल ने अस्पताल कर्मचारियों के साथ मिलकर पूरे मेडिकल कालेज की छत, परिसर व आसपास के खेतों में बालक की तलाश की थी। हालांकि उसका कहीं पता नहीं चला है।

सीसीटीवी कैमरे भी बंद मिले

आरडी गार्डी मेडिकल कालेज होने के बाद भी वहां सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे भी दो साल से बंद बताए जा रहे हैं। सुरक्षाकर्मी व नर्सों तथा अस्पताल के अन्य स्टाफ से पूछताछ करने के बाद भी पुलिस को कोई जानकारी नहीं हाथ लगी।

यहां भी मनमानी

मेडिकल कालेज की प्रसूति वार्ड में भर्ती नाबालिग के चिकित्सकीय कागजात की फोटोकापी अस्पताल प्रशासन देने को तैयार नहीं था। हालत यह थी कि सुबह से लेकर दोपहर तीन बजे तक पुलिस को इसकी कापी नहीं दी गई, ना ही बच्चा चोरी होने की गंभीर घटना के बाद भी मेडिकल कालेज प्रशासन का कोई अधिकारी पुलिस से बात करने को तैयार हुआ। इस पर टीआइ भास्कर ने डाक्टर को थाने बैठाने की बात कहीं थी। जिसके बाद उन्हें नाबालिग व नवजात शिशु के संबंध में कागजात उपलब्ध करवाए गए।

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