राजधानी में मंगलवार से 50 फीसद क्षमता के साथ दोबारा स्कूल खोले गए। हालांकि औपचारिक तौर पर मंगलवार से स्कूल खुले, जहां बच्चों की कम ही मौजूदगी नजर आई।
पूरी तरह से एक सप्ताह से स्कूलों में रौनक लौटेगी। राजधानी के शासकीय सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में सुबह 10 बजे तक न तो गार्ड मिला और ना ही कोई शिक्षक, हालांकि साढ़े 10 बजे तक कुछ बच्चे स्कूल पहुंचे। इसके बाद कुछ शिक्षक भी स्कूल पहुंचे। एक शिक्षक ने बताया कि सरकार के आदेश पर स्कूल खुलना है। कुछ बच्चे कैम्पस में आए हैं। सभी खुश दिखाई दे रहे है।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि आनलाइन पढ़ाई में कई तरह की परेशानी होती है। कई बार तो टापिक्स समझ नहीं आते है। नेटवर्क की परेशानी होने के कारण तो कभी मोबाइल की बैटरी खत्म होने के कारण अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती है। ऐसे में आफलाइन कक्षा लगाना ही सही है।
इधर, स्कूल संचालकों ने बताया कि एक सप्ताह का वक्त नियमित रूप से स्कूल शुरू होने में लग जाएगा। वहीं स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि स्कूल खोलने के लिए कई तरह की तैयारियां करनी पड़ती हैं। स्कूल बस से लेकर अन्य व्यवस्थाएं करने में कम से कम दो दिन का समय लगेगा। इसके बाद नियमित रूप से तैयारियां शुरू हो जाएंगी।
बता दें कि सरकार ने स्कूलों में एक फरवरी से पुन: पहली से 12वीं तक की कक्षाएं 50 फीसद उपस्थिति के साथ लगाने के निर्देश दिए है। वहीं छात्रावास और आवासीय विद्यालय भी 50 फीसद क्षमता के साथ खुल सकेंगे। आठवी, 10वीं, 12वीं की कक्षाएं 100 प्रतिशत छात्रों के साथ संचालित हो सकेंगी। शेष क्षमता में छठवीं, 7वीं, 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए होगी। आनलाइन कक्षाएं पहले की तरह चलेंगी। इधर मप्र बोर्ड की परीक्षाएं 17 फरवरी से शुरू होने वाली हैं।