6 साल की मासूम का इलाज के दौरान डॉक्टर की लापरवाही से बच्ची का पैर काटने की नौबत आ गई। मामला मंगलवार को जन सुनवाई में सामने आया। डॉक्टर के लापरवाही पर कार्रवाई की मांग परिजनों ने की है। डॉक्टर इस आरोप को बिल्कुल गलत बता रहे हैं। हिवरखेड़ी निवासी सुखदेव यादव ने कलेक्टर को अपनी शिकायत में बताया कि 30 दिसंबर को उनकी 6 साल की बेटी योगेश्वरी यादव गाड़ी से गिर गई थी। जिससे पैर की हड्डी टूट गई थी। उसका इलाज सदर के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश सरदार से कराया गया था। इलाज के बाद बच्ची को परिजन घर ले गए थे।
5 दिन बाद जब फिर से उसे दिखाने आए तो बच्ची का पैर खराब हो गया था। बाद में डॉक्टर ने उन्हें नागपुर ले जाने की सलाह दी। नागपुर ले जाने पर जब वहां डॉक्टर को दिखाया गया तो नागपुर के डॉक्टर ने बताया कि गलत इलाज होने के कारण पैर खराब हो गया है और उसे काटना पड़ेगा। जिसके बाद नागपुर में बच्ची का पैर काट दिया गया है। शिकायत में डॉ. नरेश सरदार के खिलाफ गलत इलाज को लेकर कार्रवाई की मांग की गई है।
डॉक्टर बोला मैने अच्छा इलाज किया
इस संबंध में सरदार हॉस्पिटल सदर के डॉ. नरेश सरदार का कहना है कि बच्ची का पैर मोटर साइकिल के पहिए में फंस गया था। जिसमें उसकी नसें टूट गई थी। प्राथमिक उपचार के रूप में मैंने जितना अच्छा बना, उतना अच्छा इलाज किया और उसे तत्काल नागपुर रेफर कर दिया था। परिजन समय पर उसे नागपुर नहीं ले गए और परिजनों की लापरवाही से यह स्थिति निर्मित हुई है।
मैंने पर्चे में उपचार से संबंधित सभी जानकारी लिख दी थी और यह आशंका जताई थी कि यह पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, प्लास्टिक सर्जन को दिखाना पड़ेगा। डॉक्टर ने इस मामले में अपनी तरफ से लापरवाही किए जाने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि जितना बेहतर हो सकता उन्होंने बच्ची का इलाज किया था।