प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों में नदियों को एक करने के प्रस्ताव इस बजट में आए हैं।
विशेष रूप से केन-बेतवा नदियों को लिंक करने के लिए जो हजारों करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है, उससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र है। हम झांसी की रानी पर गर्व करते हैं ना मैं उसे बुंदेलखंड क्षेत्र का जिक्र कर रहा हूं, जिस खजुराहो की चर्चा करते हैं वहां की चर्चा कर रहा हूं, वहां की तस्वीर बदलने वाली है।
पानी के अभाव में वहां के किसानों के नौजवान बेटों को रोजी-रोटी के लिए कभी गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाड़ु और केरल तक जाना पड़ता है।ये केन-बेतवा लिंक परियोजना किसानों खेती में तो बदलाव लाएगी ही, इसके साथ किसानों के जीवन में बदलाव लाएगी। इस योजना पर करीब 44 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। किसानों के खेत में पानी पहुंचाने के लिए यह आधुनिक युग का एक भागीरथी काम है। अब बुंदेलखंड के खेतों में और हरियाली आएगी। जवान बेटों को शहर में झुग्गी-झोपड़ी में रहकर मजदूरी में जिंदगी गुजारनी पड़ती है, अब वो खुले आसमानी के नीचे अपने मां-बाप के साथ रहकर एक नई जिंदगी जीना शुरू कर सकते हैं। घरों में पर्याप्त पानी आए, खेत में पानी आए।
गौरतलब है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में1400 करोड़ रुपये का प्राविधान किया है। इस परियोजनों से 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिलेगी। भूजल की स्थिति भी सुधरेगी। मध्य प्रदेश में 6,53,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। 103 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका उपयोग केवल मध्य प्रदेश करेगा।