“सफलता की कहानी” परम्परागत फसल के स्थान पर नई फसल बोने से किसान लाखनसिंह को मिला लाभ


उज्जैन । उज्जैन विकास खण्ड के ग्राम खेमासा निवासी लाखनसिंह प्रगतिशील किसान हैं। पिछले कई सालों से सोयाबीन में लगातार नुकसान होने के कारण उन्होंने कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से सम्पर्क कर अपनी कृषि भूमि के एक हेक्टेयर में उड़द की फसल लगाई। स्थानीय ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी श्रीमती रेखा सिंह द्वारा समय-समय पर उनकी उड़द की फसल का अवलोकन किया गया तथा उड़द की प्रताप प्रजाति को बोने के लिये चयन किया गया। किसान लाखनसिंह द्वारा उक्त प्रजाति के बीज लाकर बीज उपचार ट्राइकोडर्मा विरडी, राइजोबियम कल्चर, पीएसबी फफूंदनाशक औषधी से किया गया। बुवाई के समय अनुशंसित उर्वरक की मात्रा का उपयोग किया गया तथा बीज दर निर्धारित मात्रा में उपयोग की गई। इससे उड़द फसल का उत्पादन 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का प्राप्त हुआ, जो बाजार मूल्य के हिसाब से 72 हजार एवं सोयाबीन की औसत उपज 15 क्विंटल के मान से अधिक है। इस प्रकार किसान लाखनसिंह को उड़द फसल बोने से 20350 रुपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त हुआ।

 

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